आंखों की प्लास्टिक सर्जरी नेत्र विशेषज्ञ और सौंदर्य संबंधी अनुभवी सर्जन के द्वारा ही की जाती है। नेत्र सर्जन यह भली-भांति जानते हैं कि किस परेशानी का क्या उपचार है। यह प्रक्रिया जितनी असरदार है, उतनी ही फायदेमंद भी है। इस प्रक्रिया अंतर्गत उपचार व्यक्ति की प्रकृति के हिसाब से ही होता है। इस उपचार के दौरान हल्का जख्म व हल्की सूजन आ सकती है किन्तु चिंतिंत होने की आवश्यकता नहीं है। यह एक बेहतर चिकित्सा है।
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ऋषि सुश्रुत को दुनिया में कॉस्मेटिक सर्जरी के पहले शिक्षकों के रूप में सर्वसम्मति से स्वीकार किये गये हैं। सुश्रुत-संहिता चिकित्सा पर सबसे महत्वपूर्ण जीवित ग्रंथों में से एक है और इसे आयुर्वेद का एक मूलभूत पाठ माना जाता है। सुब्रत-संहिता में विस्तृत रूप से 184 अध्यायों में 1,120 बीमारियों, 700 औषधीय पौधों, खनिज स्रोतों और पशु स्रोतों का वर्णन है। सुश्रुत जी का अनुमानित जन्म वर्ष 1200-600 ईसा पूर्व के उत्तर प्रदेश में वाराणसी में हुआ। ऋषि सुश्रुत भारत लोगो के लिए वरदान साबित हुए उनके बताये हुए रास्ते पर चल कर ही आज भारत चिकित्सा के क्षेत्र में आगे आया है।
उपरोक्त जानकारी के आधार पर हम कह सकते हैं कि सर्जरी भारतीय के लिए कोई नई पद्धति नहीं है। विश्व को यह भारत की ओर से अनमोल देन है। भारतीय ग्रंथों और हर प्रकार की सर्जरी का वर्णन है।
यहां हम आंखों की प्लास्टिक सर्जरी की चर्चा करेंगे।
यह प्रक्रिया आंखों की प्लास्टिक और सौंदर्य संबंधी अनुभवी सर्जन के द्वारा ही की जाती है। आंखों के सर्जन यह भली-भांति जानते हैं कि किस परेशानी का क्या उपचार है। यह प्रक्रिया जितनी असरदार है, उतनी ही फ़ायदेमंद भी है। इस प्रक्रिया अंतर्गत उपचार व्यक्ति की प्रकृति के हिसाब से ही होता है। इस उपचार के दौरान हल्का जख्म व हल्की सूजन आ सकती है किन्तु चिंतिंत होने की आवश्यकता नहीं है। यह एक बेहतर चिकित्सा है और परिणाम भी बेहतर ही हैं। चाहे नारी हो या पुरुष, उसके मन में सौंदर्य के प्रति आकर्षण सहज और स्वाभाविक है। इस तथ्य की पुष्टि इस बात से भी होती है कि कोई व्यक्ति कभी भी जानबूझकर असुंदर नहीं लगना चाहता। लेकिन असुंदर या कम सुंदर व्यक्तियों ने अपने जीवन में ऐसी उपलब्धियां अर्जित कीं, कि वे भी अपने महत्वपूर्ण कार्यों से सुंदर लोगों की श्रेणी में गिने जाने लगे। इसलिए सौंदर्य की हमारी परिभाषा सिर्फ बाहरी सौंदर्य तक सीमित नहीं है। आंतरिक सौंदर्य ही किसी व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। यह तकनीक केवल उन्हें अपनानी चाहिए जिनके व्यवसाय में बाहरी सौंदर्य अहम है।
उम्र बढ़ने के साथ ही चेहरे व त्वचा पर उम्र की लकीरें पड़ने लगती हैं। जिन्हें कोई भी महिला दिखाना नहीं चाहती। इन लकीरों को मेकअप के द्वारा छिपाया जा सकता है, लेकिन कुछ समय के लिए। किन्तु यदि हम कहें कि अब ऐसी तकनीकि आ गई है जिसके द्वारा आप इन लकीरों को हमेशा के लिए हटा सकती हैं और जवां और खूबसूरत नजर आ सकती हैं। फिर तो इसे जादू ही कहेंगे।
भारत विश्व में कॉस्मेटिक उपचार में पांचवे स्थान पर है। भारत में नेत्र फेशियल प्लास्टिक व कॉस्मेटिक के बहुत ही कम सर्जन हैं जो इस प्रकार की सर्जरी कर सकते हैं। यदि देखा जाये तो अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि नेत्र सर्जरी भी कोई उपचार है। नई दिल्ली के सफदरजंग स्थित सेंटर फॉर साइट के अनुसार नेत्र व फेशियल प्लास्टिक सर्जरी विभाव के पास हर प्रकार की सुविधा व तकनीकि उपलब्ध है। जिसके द्वारा वह लोगों को और उनकी आखों को खूबसूरत बना सकते हैं। सभी उपचार उच्च कोटि के हैं। ओक्यूलोप्लास्टि के अंतर्गत अनुवांशिक जांच और पलक की कुरूपता, आंखों के नीचे आये काले घेरे, आंखों से बहता पानी, साकेट को ठीक करने की सुविधा उपलब्ध है।
उपचार
फेशियल सौंदर्य आंखों का एक खास तरह का उपचार है जिसका उद्देश्य व्यक्ति के अंदर के सौंदर्य को कॉस्मेटिक्स के द्वारा बाहर निकालकर खूबसूरती को निखारकर वास्तविक रूप देना है। है। साथ ही आंखों के नीचे व ऊपर की पलक और उसके आप-पास की त्वचा को ठीक करना है।
आइब्रोज को उभारना
किसी दुर्घटना या बढ़ने के कारण यदि आपकी आइब्रोज लटक गई हैं और भद्दी लगने लगी हैं तो सर्जरी के द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है।
पटोसिस रिपेयर
यदि आपकी नजर किसी भी कारण कमजोर है या मोतियाबिंद के कारण कमजोर है तो पटोसिस के द्वारा उपचार संभव है।
ब्लफ़ेारोप्लास्टि
इसके अंतर्गत आंखों के नीचे व ऊपर की अतिरिक्त चमड़ी को हटाया जाता है। इससे चेहरा काफी थका हुआ लगता है।
आंखों की पलक पर रेखाएं
इस तकनीकि पलकों पर आई रेखाओं को कम किया जाता है।
फ़ैक्चर रिपेयर
आपके धंसे व टूटे-फूटे हुए व्यक्तित्व को जांचना और उसके उपरांत उसे निखारा जाता है।
फ़ैट ट्रांसफ़र
इस तकनीकि के अंतर्गत व्यक्ति के खुद के शरीर के फेट को लेकर उसे आंखों के नीचे आए गड्ढे के कारण आई कुरुपता को कम किया जाता है।
बॉफ़ोस
यह एक तरह का इंजेक्शन होता है जिसे आंखों के आस-पास के क्षेत्र की रेखाओं में बड़े ही आराम से दिया जाता है। जो कि उम्र द्वारा, सूरज की रोशनी के द्वारा आई रेखाओं या वंशागत लक्षणों के कारणों द्वारा उत्पन्न हुई परेशानी से होती है।
डरमल फि़ल्लर
यह भी एक प्रकार का इंजेक्शन है जिससे व्यक्ति के चेहरे की कमियों, गालों की रौनक और हंसते हुए पड़ती भद्दी रेखाओं को कम करने के लिए किया जाता है।
स्किन केयर
केमिकल दवाइयों को खाने के कारण आई परेशानी, डरमाब्रेसेन, रेडियों आवृति यंत्र इस्तेमाल करने और कोस्मेक्यूटिकल के कारण चेहरे पर आए खिंचाव को दूर करता है।
सावधाानियां
उपचार के दौरान और उसके बाद भी बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे भारी-भरकम व्यायाम न करना, ठंडी चीजों का सेवन करना। साथ ही फिजिशियन से सलाह करके आप कोई खास मेडिटेशन कर सकती हैं।
यह प्रक्रिया नेत्र प्लास्टिक और सौंदर्य संबंधी अनुभवी सर्जन के द्वारा ही की जाती है। नेत्र सर्जन यह भली-भांति जानते हैं कि किस परेशानी का क्या उपचार है। यह प्रक्रिया जितनी असरदार है, उतनी ही फायदेमंद भी है। इस प्रक्रिया अंतर्गत उपचार व्यक्ति की प्रकृति के हिसाब से ही होता है। इस उपचार के दौरान हल्का जख्म व हल्की सूजन आ सकती है किन्तु चिंतिंत होने की आवश्यकता नहीं है। यह एक बेहतर चिकित्सा है और परिणाम भी बेहतर ही हैं।
किन्तु चाहे नारी हो या पुरुष, उसके मन में सौंदर्य के प्रति आकर्षण सहज और स्वाभाविक है। इस तथ्य की पुष्टि इस बात से भी होती है कि कोई व्यक्ति कभी भी जानबूझकर असुंदर नहीं लगना चाहता। लेकिन असुंदर या कम सुंदर व्यक्तियों ने अपने जीवन में ऐसी उपलब्धियां अर्जित कीं कि वे भी अपने महत्वपूर्ण कार्यों से सुंदर लोगों की श्रेणी में गिने जाने लगे। इसलिए सौंदर्य की हमारी परिभाषा सिफऱ् बाहरी सौंदर्य तक सीमित नहीं है। आंतरिक सौंदर्य ही किसी व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। यह तकनीक केवल उन्हें अपनानी चाहिए जिनके व्यवसाय में बाहरी सौंदर्य अहम है।
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