एक औरत की चाहे वजायनल डिलीवरी हो या सिजेरियन, दोनों ही स्थितियां मां के लिए काफी तकलीफदेह होती हैं। फिर भी हर औरत मां बनना चाहती है। मां बनने के बाद ही एक औरत को पूर्णता का अहसास होता है। डिलीवरी के बाद मां में कमजोरी आ जाती है। जिससे रिकवर होने में काफी समय लगता है। सिजेरियन मां को रिकवर होने में बहुत अधिक समय कुछ अधिक लगता है। डिलिवरी चाहे सिजेरियन से हुई हो या वजायनल दोनों ही मामलों में महिलाओं को खानपान का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
मां बनना, औरत का एक दूसरा जन्म ही है। एक औरत की चाहे वजायनल डिलीवरी हो या सिजेरियन, दोनों ही स्थितियां मां के लिए काफी तकलीफदेह होती हैं। फिर भी हर औरत मां बनना चाहती है। मां बनने के बाद ही एक औरत को पूर्णता का अहसास होता है। नौ माह तक गर्भावस्था में शिशु को धीरे-धीरे बढते महसूस करना, एक अलग ही खुशी देता है। डिलीवरी के बाद मां में कमजोरी आ जाती है। जिससे रिकवर होने में काफी समय लगता है। सिजेरियन मां को रिकवर होने में बहुत अधिक समय कुछ अधिक लगता है। डिलिवरी चाहे सिजेरियन से हुई हो या वजायनल दोनों ही मामलों में महिलाओं को खानपान का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि सी-सेक्शन के बाद महिला को रिकवर होने में ज्यादा वक्त लगता है इसलिए, सिजेरियन डिलिवरी के बाद डायट पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है। सही और संतुलित खाना खाने से बॉडी को रिकवर होने में मदद मिलती है। हालांकि, भरपूर पोषण न सिर्फ महिला के लिए जरूरी होता है बल्कि, उसके शिशु के विकास में इसकी एक अहम भूमिका निभाता है।
इस लेख में हम आप को बताएँगे की सिजेरियन ऑपरेशन के बाद आप का आहार कैसा होना चाहिए।
सिजेरियन डिलिवरी के बाद डायट में प्रोटीन से लेकर विटामिंस और आयरन की संतुलित मात्रा आवश्यक होती है। शिशु को जन्म देने के बाद महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे।
डिलिवरी के तुरंत बाद महिला को थोड़ा पानी दिया जाता है, जिससे यह पता चल पाता है कि उसकी बॉडी इसे टॉलरेट कर रही है या नहीं। इसके बाद उसे कोकोनट वॉटर या हल्का फुल्का खाना, नॉर्मल फूड दिया जाता है।
हॉस्पिटल से आने तथा बच्चे के जन्म के बाद माँ को ऐसा आहार खाना चाहिए जो माँ को शारीरिक शक्ति प्रदान करे। लेकिन आहार ऐसा भी ना हो जो माँ के वजन को बढ़ाये बल्कि गर्भावस्था के कारण बढ़े हुए वजन को भी कम करे। शिशु के जन्म के बाद का समय एक माँ के लिए बहुत तकलीफ और थकावट भरा होता है।
शिशु के जन्म के तुरंत बाद का जो समय होता है उसमें आपको अपने आहार का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। आहार ऐसा होना चाहिए जो आप को शारीरक शक्ति प्रदान कर सके और साथ ही आप के शिशु के स्तनपान की जरूरतों को भी पूरा कर सके।
ऑपरेशन के बाद आप के शरीर में पोषण की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है। भोजन में ऐसे आहारों को सम्मलित करें जिसमें उच्च मात्रा में गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स और आयरन हों।
स्तनपान के लिए कैलोरी की आवश्यकता, दैनिक आवश्यकताओं से अधिक है। इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाएं दैनिक आवश्यकता से 500 ग्राम कैलोरी ज्यादा ग्रहण करें। जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, वे केवल स्तनपान के जरिया हर दिन 500 ग्रा. कैलोरी खर्च करती हैं। अगर वे अपनी आहार के आलावा 500 ग्रा. कैलोरी और अलग से ग्रहण नहीं करती हैं, तो इसके उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है साथ ही बच्चे को कुपोषण भी हो सकता है।
सिजेरियन ऑपरेशन के बाद दैनिक कैलोरी की कुल आवश्यकता
अगर आप ये सोच रही है की स्तनपान के दौरान आप को सबकुछ मिला के हर दिन कितने कैलोरी का आहार ग्रहण करना चाहिए?
हर दिन 1,800 ग्रा. कैलोरी से ज्यादा कैलोरी का आहार हर दिन ग्रहण करने की आवश्यकता है। इसके लिए आप अधिक कैलोरी युक्त भोजन ले सकती हैं। लेकिन इससे कम कैलोरी का आहार लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
ऑपरेशन बाद आहार सम्बन्धी राय
सिजेरियन ऑपरेशन के बाद पोषण सम्बन्धी विशेष आहार लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए।
ऑपरेशन के बाद हर स्त्री की शारीरिक अवस्था और दशा अलग-अलग होती है। इसलिए डॉक्टर आपकी शारीरिक अवस्था और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सही जानकारी देने में सक्षम होते हैं।
आपको आहारों के बारे में जानकारी देने का हमारा उद्देश्य इतना है कि आप केवल यह जान सके की कौन से आहार आप के लिए सिजेरियन ऑपरेशन के बाद फायदेमंद है और कौन से नुकसानदेह।
ऑपरेशन के बाद आप के आहार में क्या विशेषता होनी चाहिए। वे निम्न प्रकार से हैं-
आहार जो आसानी से हजम हो जाये
आप का आहार ऐसा होना चाहिए जो आसानी से हजम हो जाये जिससे बच्चे के जन्म के बाद माताओं के पेट में गैस बहुत बनती है। वह न बने। इसीलिए ऐसे आहार से दूर रहें। भोजन में ऐसे आहार सम्मलित कर सकती हैं जिनमें प्रचुर मात्र में फाइबर हो। ये कब्ज की समस्या से बचाएंगे। जैसे कि पनीर, सूप, दही आदि। दही खाने से आप के पेट में सही बैक्टीरिया का संतुलन बनेगा और खराब बैक्टीरिया कम होंगे। डेरी उत्पाद की दुकानों में मिलने वाला दही ही प्रयोग करें। आप भोजन से जो पोषण ग्रहण करती है, उसी को शिशु स्तनपान के द्वारा ग्रहण करता है। इसलिए आप ऐसी चीजें न खायें जो आसानी से न पचें।
प्रोटीन की आवश्यकता
प्रोटीन शरीर में नई मांसपेशियोँ और कोशिकाओं को बनाने में मदद करती हैं। साथ ही शरीर पर बने जख्म को भरने में भी इनका बड़ा योगदान है। प्रोटीन युक्त आहार के लिए मछली, अंडा, चिकन, डेरी उत्पाद, मांस, मटर, दाल, राजमा, और अनेक प्रकार के सूखे मेवे।
स्तनपान के दौरान आप के शरीर को प्रोटीन की बहुत आवश्यकता होती है ये आसानी हजम भी हो जाते हैं। मछली में omega & 3 fatty acids है जो शिशु के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए बेहद जरुरी है। अंडे में जिंक होता है जो माँ की सेहत के लिए बहुत आवश्यक है। आप सुबह नाश्ते में protein शेक भी पी सकती हैं। इससे भी आप के शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी होगी।
आहार में ढेरों फल और सब्जियां सम्मलित कर सकती हैं जैसे की संतरे, तरबूज, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, शक्करकंद, टमाटर, गोभी, और ब्राकोली।
अगर आप स्तनपान कराती है तो आप को हर दिन कम से कम 2,000 mg vitamin C ग्रहण करने चाहिए।
खून की मात्रा बढ़ाने के लिए
सिजेरियन ऑपरेशन के बाद शरीर में खून की थोड़ी कमी होना आम बात है। शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए आयरन एक आवश्यक तत्व है।
आयरन, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयरन से भरपूर आहार हैं- अंडे की जर्दी, मांस, अंजीर, राजमा, और मेवे हैं लेकिन आयरन की बहुत ज्यादा मात्रा लेने से भी आप को बचना चाहिए। इनकी मात्रा आपको संतुलित ही रखनी चाहिए। क्योंकि आयरन युक्त आहार शरीर में कब्ज भी पैदा करते हैं। आयरन से भरपूर आहार बहुत जरुरी हैं।
कैल्शियम है आवश्यक
कैल्शियम शरीर की मांस पेशियोँ को आराम पहुंचता है। लेकिन साथ ही ये दातों और हाडि़योँ को भी मजबूती देते है। स्तापन के दौरान, शरीर में दूध बनने की प्रक्रिया में माँ के शरीर से कैल्शियम बहुत तेजी से खत्म होता है। मां के दूध में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है और ये कैल्शियम आता है माँ के शरीर से। तभी तो माँ बनने के बाद स्त्री के शरीर में हडिडयों से सम्बंधित रोग देखने को मिल जाते हैं। जैसे की दांतों की समस्या, दातों का खुला होना, ऑस्टियोपोरोसिस आदि। इसीलिए माँ के लिए ऐसे आहार आवश्यक है जो उसके शरीर के कैल्शियम की कमी को पूरा कर सके। स्तनपान करने वाली माँ को गाय का दूध बहुत फायदामंद है। ये न केवल आप के शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करेगा बल्कि आप के शरीर में दूध के उत्पादन को भी बढ़ाएगा।
फ़ाइबर युक्त आहार
सभी प्रकार के फल और सब्जियां फाइबर के अच्छे स्रोत हैं। अगर आप फाइबर के लिए फलों को अपने आहार में सम्मलित कर रही हैं तो फलों का जूस पीने की जगह, पूरा फल खाएं।
पेय पदार्थ खूब लें
सिजेरियन ऑपरेशन के बाद पेय पदार्थ लेने से शरीर में पानी की कमी पूरी होती है, और कब्ज की सम्भावना भी कम होती है। आप को हर कम से कम 8 से 10 गिलास पानी हर दिन पीने की आवश्यकता है। शरीर में तरल की मात्रा बढ़ाने के लिए दूध, हर्बल चाय, नारियल का पानी, सूप, और फलों का जूस।
शरीर में तरल की आवश्यकता स्तनपान करने के लिए भी पड़ती है। स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसीलिए प्यास ज्यादा लगती है।
कार्बोहाइड्रेट
कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा तो प्रदान करता है लेकिन पोषण नहीं। इसीलिए मैदे की तुलना में आंटा बेहतर विकल्प है। चक्की का पिसा हुआ आटा शरीर को ऊर्जा के साथ साथ पोषक तत्त्व भी प्रदान करता है। कुछ महिलाओं को रात भर सोने के बाद भी आराम नहीं मिलता है और सुबह उठने के बाद थकान और बहुत जलन रहती है ऐसे में उन्हें साबुत अनाज से बने सुबह के नाश्ते से आराम मिलता है। इसलिए उन्हें अपने सुबह के भोजन में कार्बोहाइड्रेटयुक्त भोजन को भी शामिल करना चाहिए।
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