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Vimla Sharma

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोडो चटकाये | Rahiman thread of love, don't break it

Updated: Jul 29, 2022




प्रेम बहुत ही अमूल्‍य है, इससे कीमती दुनिया में कोई नहीं दे पाया, इसलिए अपने प्रेमरूपी धागे को कभी नहीं तोडना, यदि ये एक बार टूट गया, फिर वापिस इस धागे को जोड पाना, मुमकिन नहीं। यदि जोडा भी गया, तो गांठ लगाकर ही जोड पायेंगे। ये गांठ हृदय में हमेशा के लिए पड जाती है।

सच्‍चा प्‍यार किसी का भी हो सकता है, पत्‍नी, पुत्र, दोस्‍त कोई भी। ये ऐसा संबंध है जो बिना शर्तों के पुन: ही जुड जाता है। जहां शर्ते होती हैं, वहां प्रेम हो ही नहीं सकता, वह एक प्रकार का सौदा है।



प्रेम क्‍या है?

प्रेम एक एहसास है, जो स्‍वत: ही व्‍यक्ति के दिल में अन्‍य के लिए पैदा होता है। प्रेम कुछ मांगता नहीं, बस अपने प्रिय को कुछ भी देकर बस उसे खुश रखना चाहता है। अपने प्रिय की खुशी ही उसके प्‍यार की कीमत है। किन्‍तु आज प्रेम की परिभाषा ही बदल गई है। आज प्रेम को भौतिकता के आधार पर तोला जाता है। वैसे तो सच्‍चा प्रेम आज किताबों, कहानियों में ही मिलता है, किन्‍तु यदि कहीं मिल भी जाये तो उसके प्रेम को समझने वाले नहीं मिलते।



रहीम ने कहा है-

रहीमन धागा प्रेम का, मत तोडो चटकाये। टूटे पर फिर न जुडे, जुडे गांठ पर जाये।।

रहीम जी कहते हैं कि प्रेम बहुत ही अमूल्‍य है, इससे कीमती दुनिया में कोई नहीं दे पाया, इसलिए अपने प्रेमरूपी धागे को कभी नहीं तोडना, यदि ये एक बार टूट गया, फिर वापिस इस धागे को जोड पाना, मुमकिन नहीं। यदि जोडा भी गया, तो गांठ लगाकर ही जोड पायेंगे। ये गांठ हृदय में हमेशा के लिए पड जाती है।

सच्‍चा प्‍यार किसी का भी हो सकता है, पत्‍नी, पुत्र, दोस्‍त कोई भी। ये ऐसा संबंध है जो बिना शर्तों के पुन: ही जुड जाता है। जहां शर्ते होती हैं, वहां प्रेम हो ही नहीं सकता, वह एक प्रकार का सौदा है।

एक हाथ लो, दूसरे हाथ दो।


12 कक्षा की बात है हमारी क्‍लास में एक लडकी थी, जो हमेशा ही मेरे आगे पीछे घूमती रहती थी, कभी उसने मुझसे कुछ कहा नहीं, किन्‍तु ऐसा लगता था कि जैसे मेरा साथ उसे पसंद था। किन्‍तु उसके इस व्‍यवहार से मुझे अजीब महसूस होता था। मैं किसी न किसी बहाने उससे कटी-कटी रहती थी। किन्‍तु मेरे इस रूखे व्‍यवहार से उसे कभी कोई फर्क नहीं पडा।



इसी बीच हमारी प्रिंसीपल ने फेयरवेल पार्टी को जयपुर-अजमेर के टूर में बदल दिया। 3 दिन की ट्रिप थी। हमारे साथ ही प्रिंसीपल मेम भी रिटायर हो रही थीं इसलिए वह इस मौके को यादगार बनाना चाहती थीं। करीब 300 बच्‍चे जयपुर-अजमेर की ट्रिप पर गये। वह लडकी भी हमारे ही साथ थी। आज भी अफसोस होता है। मुझे उसका नाम तक याद नहीं। एक दर्द सा महसूस होता है जब उसके बारे में सोचती हूं।



हम इस ट्रिप पर कई जगह घूमें। हवामहल, जैन मंदिर, जल महल, अजमेर दरगाह, पुष्‍कर, आमेर का किला, और भी कई जगह हम गये। ट्रिप बहुत ही यादगार रही। हमें गंधर्व होटल, जयपुर में ठहराया गया।

जब हम आमेर के किला देखकर लौटे, तो सभी बहुत थके हुए थे। आमेर का किला बहुत ऊंचाई पर था। उसकी चढाई बहुत ही कठिनाई से पूरी की। जब शाम को खाना खाने के बाद होटल में सोने गये तो पैर बहुत दर्द कर रहे थे। सभी टीचर्स और बच्‍चे खर्राटे मार रहे थे। हम हम सभी का बिस्‍तर होटल के हॉल में लगाया गया था। चारों तरफ खर्राटों की आवाजें आ रही थीं। मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे थे। मैं आवाजों और दर्द के कारण सो नहीं पा रही थी। उस लडकी का बिस्‍तर मेरे नजदीक ही था।

वह मेरे साथ एक साये की तरह रहती थी। अचानक मुझे अपने पैरों पर मुलायम हाथों का दवाब महसूस हुआ, जैसे कोई मेरे पैरों को दबा रहा हो। बहुत ही अच्‍छा अहसास था। इस मीठे अहसास से मुझे नींद आने लगी, सोने से पहले मैंने आंखे खोल कर देखा तो वही लडकी मेरे पैर दबा रही थी। मैं इतनी थकी हुई थी पता नहीं चला कि कब मैं गहरी नींद में सो गई। सुबह जब सोकर उठी तो सभी जाग चुके थे। मैं रात की सभी बातें भूल चुकी थी। किन्‍तु उस लडकी के लिए मेरे मन एक सॉफ्ट कार्नर अवश्‍य बन गया था। किन्‍तु कभी फ्रैंडशिप नहीं हुई। हम लोग ट्रिप पूरी करके अपने घर वापिस आ गये। बात भी आई गई हो गईं, किन्‍तु 20-22 साल बात भी एक दिल में इच्‍छा है कि काश वह कहीं मिल जाये तो दोस्‍ती की नयी शुरूआत करें। किन्‍तु बीता समय कभी वापिस नहीं आता। समय अपनी गति से चलता है।



असल जिंदगी में रीमैक नहीं होते। किन्‍तु ऐसा निश्‍छल प्रेम बहुत ही कम लोगों को मिलता है, इसलिए निश्‍छल और सच्‍चे प्रेम की कद्र कीजिए, इस धागे को टूटने न दें।


एक तरफा प्रेम का धागा जुड ही नहीं पाया। क्‍योंकि उसने केवल दिया कभी मांगा नहीं, इसलिए सच्‍चे प्रेम को महसूस कीजिए, उसकी कद्र कीजिए। आज सभी रिश्‍ते निजी स्‍वार्थ और दिखावे के ही हैं, जब तक आप‍ किसी के काम के तब तक आप उसके अपने हैं, किन्‍तु जहां आपकी आवश्‍यकता या तकलीफ शुरू होंगी वहां आप स्‍वयं को अकेला ही पाओगे। किन्‍तु सच्‍चा प्‍यार हमेशा आपके साथ रहता है, एक आत्‍मा की तरह।





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