ढलती उम्र में स्वस्थ व फिट रहने के लिए फाइबर युक्त भोजन एक बेहतर विकल्प है। स्वस्थ और फिट रहने के लिए केवल वर्कआउट ही पर्याप्त नहीं है। उम्र बढने के साथ-साथ हमेें भोजन के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए। स्वस्थ व फिट रहने के लिए कुछ डाइट नियमों का पालन करना मुश्किल भी नहीं है। हमारा भोजन ही हमें लंबे समय तक युवा और स्वस्थ रखेेगा।
स्वस्थ व फिट रहने के लिए केवल वर्कआउट ही पर्याप्त नहीं है। उम्र बढने के साथ-साथ हमेेें भोजन के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए। किचन में क्या बन रहा है, हम क्या खा रहे हैं यह उम्र और भोजन के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा विश्व स्तर पर प्रदूषण की समस्या, तनाव, स्ट्रैस, हमें अपनी उम्र से बडा दिखाता है क्योंकि हम दुनिया के किसी भी हिस्से में रह रहे हाेें, उपरोक्त समस्याएं हमारे स्वास्थ्य और सौंदर्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं। इसलिए स्वस्थ व फिट रहने के लिए कुछ डाइट नियमों का पालन करना मुश्किल नहीं है। हमारी डाइट ही हमें लंबे समय तक युवा और स्वस्थ रख पाएगी। हम रोगों के दूर रह सकेंगे। हमारा इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा।
स्वाद के अनुसार नहीं, स्वास्थ्य के अनुसार भोजन करें
ढलती उम्र अर्थात 40 वर्ष के बाद हमें फाइबरयुक्त भोजन अधिक करना करना चाहिए। तला हुआ और तेज मसालों वाले भोजन को अपनी डाइट में शामिल न करें। ऐसा करने से आप डायबिटीज, शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, तथा कैंसर आदि बीमारियों से दूर रहेंगे। स्वस्थ रहने पर आप आपके चेहरे पर उम्र की रेखाएं नहीं उभरेंगी। आपकी त्वचा और चेहरा ग्लो करेगा। और आप स्वयं को ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे।
ढलती उम्र में मैदे से बनी चीजें कम खायें। मैदे में किसी प्रकार का डाइट्री फाइबर नहीं होता, इसलिए यह यह आसानी से नहीं पच पाता। और धीरे-धीरे कब्ज की शिकायत रहने लगती है। और यदि आपको कब्ज है तो इसके साथ ही कई और बीमारियों को निमंत्रण स्वयं ही मिल जाता है।
अपने भोजन में सभी मिनरल्स को संतुलित मात्रा में शामिल करने चाहिए। विटामिन सी त्वचा में चमक लाता है। इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। विटामिन सी के रूप में हमें अपने भोजन में खट्टेे फलों को शामिल करना चाहिए।
हडिडयों की मजबूती के लिए हमें कैल्शियम युक्त भोजन करना चाहिए। आयरन और कैल्शियम केे लिए भोजन में हरे पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
प्रोटीन, ढलती और बढती उम्र दोनों के लिए बेहद ही आवश्यक तत्व है किन्तु ढलती उम्र में यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं तो प्रोटीन युक्त भोजन करना तो चाहिए किन्तु अधिक नहीं बल्कि संतुलित और शारीरिक श्रम के अनुसार ही करना चाहिए।
हमें अपने खान-पान में सूखे मेवों को शामिल करना चाहिए। सूखे मेवेे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, इनमें फाइबर तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं जिससे हम काफी हद तक संक्रमण से बच सकते हैं। सूखे मेवे अधिक मात्रा में न लेकर नियमित रूप से एक निश्चित मात्रा में लें।
शुगर का सेवन न करें
सर्दी हो या फिर गर्मी, अधिकतर भारतीय मीठे के शौकीन होते हैं। ढलती उम्र में अक्सर लोग मीठे की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। जैसे मिठाइयां, चॉकलेट्स, कोल्ड ड्रिंक्स आदि। धीरे-धीरे हमें मीठे को कम खाना चाहिए। चीनी के जगह ब्राउन शुगर या गुड का सेवन करना चाहिए।
इस उम्र में चाय-कॉफी का सेवन कम कर देना चाहिए। कॉफी अधिक पीने से हाई ब्लड प्रेशर, माइग्रेन, सिरदर्द, अपच जैसी बीमारियां लग जाती हैं। इस उम्र में एक या दो कप से अधिक चाय या कॉफी न पीयें।
ढलती उम्र में सोडियम युक्त भोजन का सेवन भी कम कर देना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन एक व्यक्ति को 2,300 मिली ग्रा तक ही सोडियम लेना चाहिए। यदि आवश्यकता से अधिक सोडियम हम लेते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर का खतरा बढ जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ जाता है।
ताजे फल और सब्जियां सलाद के रूप में लें
फलों और सब्जियों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इन्हें खाकर कर पेट तो भरा-भरा लगता ही है साथ ही हम अन्य चीजें कम खा पाते हैं। इसलिए अपने भोजन में नाश्ते और दोपहर के भोजन में अधिक से अधिक सब्जियों और फलों का सेवन करें। ऐसा आसानी से किया जा सकता है। ज्यादातर लोगों को अपने नाश्ते में सब्जियों को शामिल करना मुश्किल लगता है किन्तु आप अपनी डाइट में एक तरह की सब्जी शामिल करने की जगह कई तरह सब्जियों को शामिल कर वैराइटी ला सकती हैं। इस तरह आप सलाद और सब्जी दोनों ही बन सकती हैं। फलों और सब्जियों का जूस पीया जा सकता हैैै।
इसके साथ ही ढलती उम्र में डाइट के अतिरिक्त अपनी जीवन शैली को भी बदलें।
पानी भरपूर मात्रा में पीयें।
पर्याप्त नींद लें।
सुबह जल्दी उठें।
ताजी हवा में टहलें।
योगाभ्यास करें।
ध्यान करें।
मार्निंग वॉक के लिए जायें।
ढलती उम्र में महत्वपूर्ण जांच
ब्लडप्रेशर (हर वर्ष जांच करायें।)
थायरॉयड ग्रंथि की जांच
महिलाओं मेें की जाने वाली जांच
पैप स्मियर की जांच तीन वर्ष में एक बार अवश्य करायें।
स्त्री व पुरुष नियमित रूप से अपनी सभी जांच अवश्य करायें। नियमित रूप से आंखों की जांच अवश्य करायें।
योगाभ्यास आपको नई स्फूर्ति देगा। आप स्वयं को उम्र से काफी कम महसूस करेंगे। आपने स्वयं देखा होगा जो लोग नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं, और हेल्दी डाइट लेते हैं, वह अन्य लोगों की बजाय अधिक युवा और स्वस्थ रहते हैं।
इसलिए ढलती उम्र में स्वयं को युवा और स्वस्थ बनाये रखने के लिए हेल्दी डाइट लें और योगाभ्यास करें।
Comments