दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में हाड गला देने वाली सरदी पड रही है। आमतौर पर लोग सरदी से बचने के लिए अलाव, हीटर या गरम-गरम चाय आदि पीकर सरदी से बचने का उपाय ढूंढते हैं। उपरोक्त चीजें कुछ देर के लिए तो हमें सरदी से बचा लेती हैं किन्तु कुछ ही समय बाद हम सरदी का शिकार हो ही जाते हैं। परिणामस्वरूप, सरदी, खांसी, जुकाम जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। कोविड 19 के दौर में उपरोक्त संक्रमण से बचना बेहद आवश्यक है। शरीर को सरदी से बचाने के लिए अंदर से गर्म रखना भी आवश्यक है। यदि हम अपने खान-पान में कुछ ऐसी चीजें शामिल करें जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करे तो हम सरदी से काफी हद तक बच सकते हैं। हमें अपने खान-पान में सूखे मेवों को शामिल करना चाहिए। सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है, जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, इनमें फाइबर तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं जिससे हम काफी हद तक संक्रमण से बच सकते हैं। सूखे मेवे अधिक मात्रा में न लेकर नियमित रूप से एक निश्चित मात्रा में लें। अधिक मात्रा में सूखे मेवों का सेवन हानिकारक भी हो सकता है।
'एक मुठ्ठी सूखे मेवे आपको स्वस्थ और सुंदर बनाते हैं।'
यह एक कहावत ही नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक सत्य भी है। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार सूखे मेवे दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखते हैं वहीं कैंसर होने के खतरे को भी कम करते है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मुख्य रूप से कुछ मेवे हैं जो आपको कई बीमारियों से बचाते हैं। जिसमें बादाम, अखरोट, पिस्ता और काजू शामिल है। सूखे मेवों में भारी मात्रा में फाइबर, मैग्नीशियम पाया जाता है जो दिल को हार्टअटैक से बचाता है। वहीं कॉलेस्ट्रोल लेवल भी कम करता है। शोध अनुसार जो लोग रोजाना औसत 20 ग्राम से ज्यादा बादाम लेते हैं उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार देखा गया है।
आहार विशेषज्ञों की मानें तो सर्दियों में सूखे मेवे हेल्दी स्नैक का काम करते हैं। तासीर में गर्म ये सूखे मेवे पित्त प्रवृति को बूस्ट कर शरीर को गर्म रखते हैं। फाइबर, कैलोरी और वसा से भरपूर होने के कारण ये पेट भरा होने का एहसास कराते हैं, जिससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है और जो लोग अपने बढते वजन को लेकर चिंतित हैं वे भी बेफिक्र होकर सूखे मेवों का सेवन कर सकते हैं।
सर्दी के मौसम में पड़ने वाली ठंड का सामना करने के लिए ऊर्जा का उत्पादन कर शरीर को मजबूत बनाते हैं। इनमें मौजूद प्रोटीन, फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन्स, मिनरल्स जैसे माइक्रो न्यूट्रीएंस और ओमेगा-3 फैटी एसिड और अनसैचुरेटेड फैट शरीर को तुरंत ऊर्जा और ताजगी प्रदान करते हैं। शरीर केे मेटाबॉलिज्म सिस्टम को बेहतर कर प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं।
आमतौर पर बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट, खजूर, अंजीर, किशमिश जैसे सूखे मेवे सर्दियों में अधिक खाए जाते हैं। बादाम और किशमिश को छोड़कर दूसरे सूखे मेवे अधिक गर्म तासीर वाले माने जाते हैं। सूखे मेवों का एक निश्चित मात्रा में नियमित सेवन, हेल्दी और फिट रहने में मदद करता है।
कब खायें सूखे मेवे?
सूखे मेवे दिन में 2-3 खाना बेहतर है।
बादाम, सुबह के समय खाना बेहतर है। इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। बादाम में मौजूद 65 प्रतिशत मोनोसेचुरेटेड फैट शरीर को गर्मी प्रदान कर उसे अंदर से मजबूत करता है। बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल के स्तर को कम कर गुड कोलेस्ट्रॉल एचडीएल को बढ़ाता है।
काजू या पिस्ता, लंच और डिनर के बीच ब्रंच टाइम या शाम की चाय के साथ आप ले सकते हैं। इनमें मौजूद मैंगनीज जैसे मिनरल्स ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं और दिन भर की थकान को दूर करके ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं।
अखरोट, किशमिश, खजूर या छुहारे का सेवन, रात में सोने से पहले करना बेहतर है। ये पाचन क्रिया को सुचारू बनाने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन रात भर आपकी त्वचा के टिशूज की मरम्मत करते हैं। इनमें मौजूद घुलनशील फाइबर, कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
कितनी मात्रा में लें। रोजाना मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स खाना उचित है या फिर एक सामान्य व्यक्ति दिन भर में 15-20 ग्राम ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकता है। दिन भर में काजू-बादाम-पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स 5-5 ग्राम यानी 5-5 दानों से ज्यादा नहीं लें। दिन भर में किशमिश, पिस्ता, चिलगोजे जैसे ड्राई फ्रूट्स के भी 5-6 दाने खाना बेहतर है क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से वजन बढ़ सकता है। रात में किशमिश के साथ अखरोट ले सकते हैं।
बादाम
बादाम में मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
बादाम में मौजूद 65 प्रतिशत मोनोसेचुरेटेड फैट शरीर को गर्मी प्रदान कर उसे अंदर से मजबूत करता है। बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल के स्तर को कम कर गुड कोलेस्ट्रॉल एचडीएल को बढ़ाता है।
25 ग्राम बादाम में 160 कैलोरी होती हैं इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है। लेकिन निश्चित मात्रा में ही खाने चाहिए। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इसलिए इसे कारण मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं।
बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है। तीनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक वसा होती हैं जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करते हैं और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है।
इसके अलावा ओमेगा-3 है ये भी स्वास्थवर्धक होता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा बादाम में पोटैशियम, विटामिन-ई, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।
खजूर
खजूर स्वाद में मधुर, शीतल, पौष्टिक और तुरंत शक्ति देने वाला होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। खजूर खाने से ब्लड तेजी से बनता है। यह हृदय और मस्तिष्क को शक्ति देता है। साथ ही, लीवर के रोगों में लाभकारी होता है। इसके अलावा, यह वात-पित्त-कफ नाशक होता है। यह हमारे पाचन तंत्र को भी पूरी तरह से साफ करता है।
मासिक धर्म बंद होने के बाद महिलाओं को भी खजूर खाने चाहिए क्योंकि मासिक धर्म बंद होने के बाद महिलाओं को कुछ शारीरिक व मानसिक समस्याओं का सामना करना पडता हैं खजूर उन सभी प्रकार की समस्याओं को काफी हद तक कम करता है।
सर्दियों में खजूर खाने से ऑस्टियोपोरोसिस या जोडों में दर्द जैसी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
कमजोर बच्चों को खजूर और शहद मिलाकर खिलाना बहुत फायदेमंद होता है। जिन बच्चों में रात को बिस्तर गीला करने की आदत होती है, उन्हें बच्चों को दूध के साथ खजूर खाने के लिए दें।
जिन बच्चों में पेट से संबंधित समस्याएं होती हैं उन बच्चों को किसी न किसी रूप में खजूर खाने को देना चाहिए इससे आंतों को बल और शरीर को स्फूर्ति मिलती है।
खजूर आंतों के हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है। इसके विशिष्ट तत्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं, जो आंतों की सक्रियता बढ़ाते हैं।
खजूर में मौजूद कैल्शियम, हडिडयों और दांतों की कमजोरी को दूर करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फ्लोरीन नामक मिनरल दांतों की समस्या को दूर करता है।
छुहारे
छुहारे, मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होते हैं। इनका सेवन सर्दियों में शरीर को गर्म रखते हैं। छुहारों के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और कई प्रकार से संक्रमण से शरीर की रक्षा करते हैं।
छुहारे श्वास रोग मे बहुत ही फायदेयंद है क्योकि यह छाती और फेफड़ो को ताकत देने मे मदद करते हैं। अगर हमारे फेफड़े मजबूत होते हैं। श्वास के रोगियों को सर्दियों में छुहारों का सेवन अवश्य करना चाहिए।
दूध के साथ छुहारों का सेवन करने पर शरीर मजबूत बनता है। अगर आपका शरीर कमजोर है तो आपको छुहारे का सेवन दूध में डालकर करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को रात में दिखाई नहीं देता है अगर वह लोग छुहारे का लगातार सेवन करते हैं तो उन को रात में न दिखने की प्रॉब्लम कम हो जाती है। ।
छुहारे एनर्जी बूस्ट करने का भी काम करते हैं क्योंकि इसमें नेचुरल शुगर होता है। इन्हें आप एक्सरसाइज के बाद या एक्सरसाइज से पहले ले सकते हैं।
काजू
काजू कैलोरी से भरपूर होते हैं जो शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं और कई प्रकार की बीमारियों से बचाते हैं।
दिल के लिए कोल्सट्रॉल बेहद खतरनाक होता है। कोलेस्ट्रॉल एक मोमी यौगिक है जो खून के अंदर जमना शुरू हो जाता है। इसके कारण दिल तक खून पंहुचने में बाधा उत्पन्न होती है। वही काजू के अंदर किसी तरह का कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। इसलिए बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर काजू खाने की सलाह देते हैं।
काजू के अंदर जो वसा पाया जाता है वह दिल के रोगों से दूर रखने का काम करता है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड वसा पाया जाता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
काजू के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण अधिक होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट यौगिक जो कोशिका में ऑक्सीडेटिव क्षति का मुकाबला करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट के लिए विटामिन ई का होना बेहद जरूरी है यह विटामिन काजू के अंदर मौजूद होते हैं।
इसके अलावा काजू के अंदर प्रोटीन, जिंक आदि पाये जाते हैं। काजू में ही जिंक की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। अगर आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में जिंक ना मिले तो इसका सीधा असर आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता पर पड़ना शुरू हो जाता है। इससे आप अधिक बीमार होने लगते हैं। इसलिए स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए हर मौसम में काजू का सेवन बेहर आवश्यक है।
अखरोट
अखरोट भी हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है अखरोट में मौजूद तत्व हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। साथ ही इसमें ओमेगा-3 भी पाया जाता है, जो हमारे दिल को स्वस्थ रखता है।
अखरोट में मैगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, विटामिन-E, विटामिन-C, विटामिन-A, विटामिन-K तथा आयरन भी भी पाया जाता है। अखरोट में विभिन्न प्रकार के न्यूट्रीशन तत्व और एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं जो बीमारियों से लडने की क्षमता को बढाते हैं और शरीर में इंसूलिन के स्तर को भी नियंत्रित रखते हैं।
अखरोट गरम और शुष्क प्रकृति का होता है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में ही करना चाहिए। पित्त प्रकृति के लोगों को अखरोट का सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही अखरोट बहुत ही बलवर्धक है हृदय को कोमल करता है हृदय और मस्तिष्क को पुष्ट करके उत्साही बनाता है इसकी भुनी हुई गिरी सर्दी से उत्पन्न खांसी में लाभदायक है।
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