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Vimla Sharma

ब्रेन स्ट्रोक, लक्षण और उपाय | Brain stroke symptoms and remedies

Updated: May 1, 2023





स्‍ट्रोक्‍स, एक खतरनाक बीमारी का रूप धारण करती जा रही है। इस बीमारी में तत्‍काल चिकित्‍सा की आवश्‍यकता होती है, इस बीमारी में मरीज के पास बहुत ही कम समय होता है। यदि समय पर चिकित्‍सा उपलब्‍ध नहीं होती तो मरीज की मृत्‍यु भी हो सकती है या फिर मरीज कोमा में भी जा सकता है। इसलिए इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए जागरूकता बहुत आवश्‍यक है।

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कुछ दिनों से भारत में स्‍ट्रोक्‍स के मामले बडी ही तेजी से बढ रहे हैं। जो एक खतरनाक बीमारी का रूप धारण करती जा रही है। इस बीमारी में तत्‍काल चिकित्‍सा की आवश्‍यकता होती है, इस बीमारी में मरीज के पास बहुत ही कम समय होता है। यदि समय पर चिकित्‍सा उपलब्‍ध नहीं होती तो मरीज की मृत्‍यु भी हो सकती है या फिर मरीज कोमा में भी जा सकता है। इसलिए इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए जागरूकता बहुत आवश्‍यक है। ब्रेन स्‍ट्रोक्‍स के मामले सर्दियों में तेजी से बढते हैं।



स्‍ट्रोक्‍स क्‍या है?

मै‍रिंगो क्‍यू. आर. जी हास्पिटल के न्‍यरो एंड स्‍पाइन सर्जरी के डॉ. तरूण शर्मा के अनुसार सर्दी बने से अक्‍सर ब्रेन स्‍ट्रोक्‍स या दिमाग की नस फटने के मामले बढ जाते हैं। बुर्जुग, मोटापे से ग्रस्‍त, शुगर और उच्‍च रक्‍तचाप के मरीजों को स्‍ट्रोक्‍स होने का खतरा अधिक होता है। सर्दियों में स्‍ट्रोक्स के मामले 80 प्रतिशत बढ जाते हैं। दरअसल मस्तिष्‍क में रक्‍त का संचार रूक जाने से स्‍ट्रोक्‍स हो जाता है। इसके लिए दो कारण जिम्‍मेदार हैं-

1. धमनियों में खून के धक्‍के जमना

2. धमनियों का फट जाना।



व्‍यक्ति का एक तरफ का चेहरा टेढा हो जाना, शरीर के एक हिस्‍से में लकवा हो जाना, चलने में परेशानी होना, मरीज को बोलने में दिक्‍कत होना, चक्‍कर आना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यदि ऐसा होता है तो व्‍यक्ति को तुंरत हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। उपरोक्‍त सभी स्‍ट्रोक्‍स के लक्षण हो सकते हैं।



स्‍ट्रोक्‍स के मामले सर्दियों में अधिक क्‍यों होते हैं?

ब्रेन स्‍ट्रोक्‍स के मामले सर्दियों में बाथरूम में नहाते समय ही होते हैं। ऐसा सर्दियों में ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि नहाते समय जैसे ही सिर पर ठंडा पानी पडता है, तो इससे दिमाग में तापमान को नियंत्रित करने वाले एड्रेनलिन हार्मोन तेजी से रिलीज होता है, जिससे ब्‍लड प्रेश अचानक बढ जाता है, इसलिए जब भी नहाते जाएं तो पानी सिर पर सीधे न डालें। नहाने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें।



लाइफ स्‍टाइल भी इसकी बडी वजह

अनियमित जीवन शैली, खराब खान-पान, मानसिक तनाव ब्रेन स्‍ट्रोक्‍स की बडी वजह हैं। जिन लोगों को ब्‍लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्‍ट्रोल अधिक होने की शिकायत अधिक है और धूम्रपान एवं शराब का अधिक सेवन करते है, उनमें स्‍ट्रोक्‍स की संभावना बढ जाती है।



एक घंटा अहम होता है

जैसे ही व्‍यक्ति में उपरोक्‍त लक्षण दिखने लगे तो उसे तुरंत हास्पिटल ले जाना चाहिए। मरीज के लिए शुरू का एक घंटा बहुत ही अहम होता है। इस दौरान सीटी स्‍कैन, एमआरआई एवं दिमाग की नसों की एंजियोग्राफी आदि‍ जांच की जाती हैं। स्‍ट्रोक्‍स होने के साढे चार घंटै के अंदर मरीज को क्‍लॉट घुल जाने के लिए इंजेक्‍शन दिया जाता है, जिससे मस्तिष्‍क की धमनियों में रक्‍त संचार सुचारू रूप से और फिर से हो सके। अगर ब्रेन हेमरिज छोटा है तो दवाइयां दी जाती हैं, और यदि बडा है तो ऑपरेशन की करना पडता है। ब्रेन स्‍ट्रोक होने पर मरीज की जान बचाने के लिए पहला एक घंटा बहुत ही अधिक अहमियत रखता है, इसलिए इसे गोल्‍डन टाइम भी कहा जाता है। इस एक घंटे के अंदर उच्‍च प्रशिक्षित एवं अनुभवी न्‍यूरोसर्जन की देखरेख में इलाज की आवश्‍यकता होती है, और मरीज को बचाया जा सकता है। देर करने पर मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है। ऐसे में व्‍यक्ति और परिजनों को सर्तक रहना चाहिए।




IN ENGLISH


The cases of stroke are increasing rapidly in India since few days. Which is a matter of concern. It is taking the form of a dangerous disease. Immediate treatment is required in this disease, in this disease the patient has very little time. If medical attention is not available on time, the patient may die or the patient may go into a coma. Therefore, considering the seriousness of this disease, awareness is very important. Brain stroke cases increase rapidly in winter.



What is strokes?

R. According to Dr. Tarun Sharma of Neuro and Spine Surgery, Zee Hospital, cases of brain stroke or brain vein rupture increase due to increase in cold. Elderly, obese, patients with diabetes and high blood pressure are at higher risk of stroke. The cases of strokes increase by up to 80 percent in winter. Actually, stroke occurs due to stoppage of blood circulation in the brain. There are two reasons for this- 1. Formation of blood clots in the arteries 2. Rupture of arteries.



One part of the person's face becomes crooked, paralysis in one part of the body, difficulty in walking, difficulty in speaking, if symptoms like dizziness appear. If this happens, the person should be taken to the hospital immediately. All of the above can be symptoms of a stroke.



Why strokes matter more in winter.

In winter, there are more cases of brain stroke while taking a bath in the bathroom. This happens in winters because as soon as cold water falls on the head while taking bath, it releases adrenaline hormone which controls the temperature of the brain, due to which the blood pressure increases suddenly, so do not do this whenever you take a bath. Do not pour water directly on the head. Use lukewarm water for bath.



Lifestyle is also a big reason for this

Irregular lifestyle, poor eating habits, mental stress are the main causes of brain stroke. People who have more complaints of high blood pressure, sugar, cholesterol and they consume more of smoking and alcohol, the chances of stroke increase in them.

one hour counts



As soon as the above symptoms start appearing in the person, he should be immediately taken to the hospital. The first one hour is very important for the patient. During this, CT scan, MRI and angiography of brain etc. are examined. Within four-and-a-half hours after the stroke, the patient is given an injection to dissolve the clot, so that blood circulation in the arteries of the brain can resume smoothly.



If brain hemorrhage is small then medicine is given and if it is big then operation has to be done. In the event of a brain stroke, the first one hour is very important to save the patient's life, hence it is also called the golden time. Within this one hour, treatment is required under the supervision of highly trained and experienced neurosurgeons, and thereby saving the patient. Delay can also lead to death of the patient. In such a situation, the person and family members should be alert.




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