पत्नी की तारीफ, दाम्पत्य जीवन के लिए कितनी फायदेमंद हैं यह आप सोच भी नहीं सकते। जो काम आपको नामुमकिन लगे यदि उस काम के लिए थोड़ी सी तारीफ कर दें तो बड़ी ही आसानी से हो भी जाता है। वास्तव में एक-दूसरे के द्वारा तारीफ करने से मन का सारा तनाव दूर हो जाता है, खुशी मिलती है और आत्मविश्वास बढता है। इस तरह पति-पत्नी के बीच तनाव कम हो़ता है। साथ ही विश्वास तो कायम होता है कि कोई तो हमें समझता है और हमारी कोशिशों की कद्र करता है या हमें प्यार करता है। किसी भी महिला के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है।
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अपनी तारीफ तो सभी सुनना पसंद करते हैं। यदि यह तारीफें पति-पत्नी एक दूसरे की करें तो न सिर्फ दाम्पत्य जीवन की नींव मजबूत होती है बल्कि छोटी-मोटी परेशानियां कम ही आती हैं।
पत्नी की तारीफ, दाम्पत्य जीवन के लिए कितनी फायदेमंद हैं यह आप सोच भी नहीं सकते, जो काम आपको नामुमकिन लगे यदि उस काम के लिए थोड़ी सी तारीफ कर दें तो बड़ी ही आसानी से हो भी जाता है। हमारी पड़ोस में रहने वाली राधा बताती हैं कि उनके पति अक्सर कहते हैं कि मैं बहुत किस्मत वाला हूं कि मुझे तुम जैसी पत्नी मिली है। घर का काम संभालने के साथ अपना होम बिजनेस भी संभाल रही हो। पता नहीं तुम्हारे अंदर इतनी एनर्जी कहां से आती है कि तुम इतना सब अच्छे से संभाल लेती हो। वह कहती हैं मेरे अंदर एनर्जी पति की इन बातों से ही आती है। उनके मुंह से अपनी तारीफ सुनकर मैं दुगुनी मेहनत से अपने कामों में लग जाती हूं।
इसके विपरीत यदि पति समय न दे पाने या घर के किसी कार्य में देरी के कारण शिकायतें शुरू कर देता तो, शायद आपस में झगडे या मन-मुटाव शुरू हो जाता और घर का माहौल तनावपूर्ण और बोझिल हो जाता। राधा कहती है कि अपने पति के द्वारा की तारीफ सुनकर ऐसा लगता है कि दुनिया की सबसे अच्छी पत्नी मैं ही हूं। बात चाहें खूबसूरती की हो या फिर हुनर की,पति-पत्नी को एक-दूसरे की तारीफ करनी ही चाहिए।
वास्तव में एक-दूसरे के द्वारा तारीफ करने से मन का सारा तनाव दूर हो जाता है, खुशी मिलती है और आत्मविश्वास बढता है। इस तरह पति-पत्नी के बीच तनाव कम हो़ता है। साथ ही विश्वास तो कायम होता है कि कोई तो हमें समझता है और हमारी कोशिशों की कद्र करता है या हमें प्यार करता है। किसी भी महिला के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि उसका पति उसे इतना प्यार करता है कि उसकी तारीफ करते नहीं थकता। अब चाहे पूरी दुनिया न समझें तो इससे क्या फर्क पड़ता है।
पत्नी की तारीफ करना गलत भी नहीं है। एक पत्नी, हर समय परिवार के सुख-दुख के बारे में सोचती है। परिवार ही उसका कार्यक्षेत्र है, जिस में वह सुबह से शाम तक जुटी रहती है। इस कर्मभूमि में सफलता के लिए पति की तारीफ, ईंधन का काम करती है। इसलिए अगर पत्नी कुछ अच्छा करती हैं तो दिल खोलकर तारीफ करनी चाहिए। इसमें कंजूसी कतई न करें।
पत्नी की तारीफ के फायदे-
यदि आप पत्नी की तारीफ कर उन्हें खुश रखेंगे तो वह भी आपको खुश रखने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगी। उसके नजरों में आपके लिए सम्मान और बढेगा।
आपके और पत्नी के बीच संबंध मधुर बनेंगे। जिससे परिवार में खुशहाली का माहौल बनेगा।
पति से तारीफ सुनकर पत्नी सारी परेशानियों को भूलकर नए सिरे से काम में जुट जाती हैं।
घर के अन्य सदस्य पत्नी की बुराई कर उन्हें परेशान करने की कोशिश नहीं करेंगे।
यदि आप पत्नी के कामों की तारीफ करेंगे औ पत्नी का सम्मान करेंगे तो घर के अन्य सदस्य भी आपकी पत्नी का सम्मान व कद्र करेंगे।
यदि पत्नी को गुस्सा आ भी रहा होगा तो वह आपसे अपनी तारीफ सुनकर फुर्र हो जायेगा।
यह अटूट सत्य है कि आपकी कोई भी खुशी हो यदि पत्नी उसमें शामिल नहीं है तो वह अधूरी ही महसूस होती है। खुशहाल जीवन के लिए पति-पत्नी को एक दूसरे को अहमियत देना, समय देना, कद्र करना बेहद आवश्यक है।
वह आपकी अर्धांगिनी है। पति-पत्नी एक दूसरे के बगैर अधूरे हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि आप, एक-दूसरे के बगैर कुछ भी नहीं हैं।
निम्नलिखित पंक्तियों में कवि अपनी कल्पना में नारी के प्रति इतने गहरे प्रेम में डूब जाता है कि वह नारी केवल नारी नहीं रह जाती, वह आराध्या हो जाती है।
नारी तुम श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में,
पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में।
''यत्र नारी पूज्यंते---* कहने का तात्पर्य यह है कि जहां जिस घर में नारी का सम्मान होता है, पूजा होती है, वहां देवता स्वयं निवास करते हैं।
कोशिश कीजिए कि इस पवित्र रिश्तों के बीच का प्यार, विश्वास कभी टूटने न पाये।
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