यह हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि रात को जल्दी सोना और सुबह सूर्य उदय के समय उठने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पडता है और व्यक्ति हमेशा स्वयं स्वस्थ रहता। वास्तु के अनुसार भी हमें सुबह सूर्य उदय के समय ही उठना चाहिए और नित्य क्रिया के पश्चात सूर्य नमस्कार जैसी यौगिक क्रियाएं करनी चाहिए। ऐसा करने से हम पूरे दिन ऊर्जावान रहते हैं। हमें थकान नहीं होती। भारतीय परिवारों में महिलाओं पर काम का प्रेशर अधिक होता हैैै, परिस्थितियों का सामना करने के लिए महिलाओं को अपनेे लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। निम्न टिप्स अपनाकर आप अपने लिए समय निकाल पायेंगी।
सुबह की शुरूआत
उठने के साथ ही बिस्तर ठीक करें
सबसे पहले बिस्तर छोडने से पहले अपने ईश को ध्यान करें और उसे एक नई सुबह देने के लिए धन्यवाद करें।
पूरे दिन की थकान के बाद जब हम बिस्तर पर सोने जाते हैं तो आलस से भरे हुए होते हैं। नतीजा यह होता है कि हम साइड टेबल पर सामान बिखेर कर रख देते हैं। समय बचाने के लिए सुबह उठकर सर्वप्रथम सामान को उसकी ठीक जगह पर रखे। ऐसा करने से यदि आप अपने घर का काम स्वयं करती हैं तो आपको मदद मिलेगी, यदि मेड करती है तो वह सफाई ठीक से कर पायेगी।
नित्य क्रिया के बाद थोडी देर खुली हवा टहलें यदि समय हो तो कुछ देर योग आदि करें।
बाथरूम के बाहर ही या ड्राइंग रूप में एक लाउंड्री बैग रखें, जिसमें बच्चे व अन्य सदस्य साथ की साथ इधर-उधर कपडे न बिखेरें बल्कि लाउंड्री बैग में डालें। बच्चों व बड़ों को बतायें कि वह गीली तौलिया इधर-उधर न फेंके बल्कि सीधे बाहर सूखने के लिए डालें। यह कपडे रोज नहीं धोए जाते, यदि आप रोज धोते भी हैं तो सूखने के बाद भी धो सकते हैं। सुखने से कपड़ों में बदबू नहीं आयेगी। घर में या बिस्तर, सोफों पर गीले कपडे डालने से सीलन पैदा होती है जिससे घर में बदबू आने लगती है। और वास्तु के अनुसार सीलन, घर में नकारात्मकता पैदा करती है। बच्चों के कमरे में एक क्यूट सा डस्टबिन रखें जिससे बच्चे चॉकलेट या बिस्किट के रेपर इधर-उधर न फेंके। वास्तु के अनुसार बिखरा हुआ घर सही नहीं है। यह एक प्रकार का
वास्तु दोष है।
शाम को सूखे हुए कपड़े समेटते समय ही बच्चों व बड़ों के अंडरवियर व तौलिया आदि उनकी अलमारी में अलग से रखें जिससे वह सुबह-सुबह आपको किचन में आवाज न लगायें।
रसोईघर और सुबह की चाय
जब हम सुबह किचन में जाते हैं तो बहुत बिजी हो जाते हैं, उसके बाद सफाई का काम काफी हो जाता है। यदि हम थोडा सा भी ध्यान रखें तो काफी समय बच सकता है।
सुबह की चाय बनाते समय सुबह नाश्ते में बनाने वाली चीजें फ्रिज में से बाहर निकाल कर रख दें, जिससे उनका टेंपरेचर नार्मल हो जायेगा और वह पकने में समय कम लेंगी।
सुबह की तैयारी रात से ही हो जानी चाहिए। कहने का अर्थ यह है कि हमें रात को किचन पूरी तरह साफ करके ही सोना चाहिए। कहते हैं कि किचन में लक्ष्मी का वास होता है। वास्तु अनुसार रात को किचन में झूठे बर्तन नहींं छोडने चाहिए। रात की सफाई हमारा सुबह का काफी समय बचाती है।
जब हम खाने की तैयारी करें तो कोशिश करें कि एक डस्टर साथ में रखें और हाथ की हाथ गैस स्टोव और किचन प्लेट फार्म साथ ही साथ साफ करते रहें। इससे आपका बहुत सा समय बचेगा।
खाना बनाने के बर्तन हाथ की हाथ ही धो लें। यदि संभव हो तो खाना बनाने के बाद खाना सर्विंग बाउल में डालकर उसी बर्तन को पुनः प्रयोग किया जाता सकता है। इससे सिंक में बर्तन कम इकट्ठे होंगे और आप जल्दी किचन से फ्री हो सकेंगी।
पूरे घर की साफ-सफाई और डस्टिंग में हमारा काफी समय जाता है इसमें काफी थकान भी हो जाती है। इससे बचने के लिए रात को यदि समय मिले जैसे टीवी देखते हुए या गपशप करते हुऐ रात को ही घर की हल्की-फुल्की डस्टिंग और घर की सेटिंग करके सोयें। यह बचा हुए समय आपको दिन में कुछ आराम के पल देगा जिससे आप स्वयं के लिए कुछ समय निकाल पायेंगी।
घर में सब्जियां और फल लाने के बाद उन्हें धोकर तौलिये से सुखाकर रखें। वैसे अभी करोना काल में सभी घरों में साग-सब्जियां और फल धोकर या ही रखे जाते हैं। सब्जियां जैसे हरी मिर्च, धनिया, हरी सब्जियां, गाजर, करेला, तौरी, कद्दू, खीरा बींस या फलियां, मूली, आदि को यदि काट कर एअरटाइट कंटेनर में फ्रिज में रखें तो वह अधिक समय तक चलती हैं। टमाटर, अदरक, लहसुन और प्याज को अलग-अलग पीस कर फ्रिज में रखें। पीसते समय इनमें थोडा तेल या नमक डाल लें, ये पिजरवेटिव का काम करेंगे। मटर को हमेशा छीलकर ही रखें। इन्हें छीलने में काफी समय लगता जो हमारा बचेगा। इससे खाना बनाने में समय की बचत होती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम काफी थके हुए होते हैं, खाना बनाने का मन नहीं करता। यदि कुछ तैयारी खाना बनाने की पहले से हो तो काम आसान हो जाता है।
अपने घर में बेड के पास या ड्राइंग रूम में सेल्फ की ऊपर की ड्रा हमेशा खाली रखें, जिससे सेल्फ के ऊपर छोटा मोटा सामान जैसे घड़ी, मोबाइल, किताबें, कागज इकटठा न हों, और घर अधिकतर सेट रहे। बेड के पास ड्रा खाली रखने का फायदा यह होगा कि जैसे हम शाम को धुले हुए कपड़े लाते हैं, किसी वजह से उनकी तह करके नहीं रख पाते तो उन्हें खाली अलमारी या ड्रा में रखा जा सकता है। जिससे वह बेड पर पडे़ नहीं रहेंगे, और आप टेशन फ्री रहेंगी।
घर को धूल मिट्टी से बचाने के लिए ड्राइंग रूप के दरवाजे के पास ही एक शूज रेक रखें और घर में पहनने वाली स्लिपर व चप्पल भी रैक में रखें जिससे बाहर से आने व जाने वाला सदस्य शूज या चप्पलें पहनकर पूरे घर में न घूमे। वास्तु के अनुसार जूतों व चप्पलों के साथ बाहर से आने वाली धूल मिटटी अपने साथ नकारात्मक ऊर्जा को लाती है। आपने अपने पुराने घरों या फिल्मों में देखा होगा कि बाहर के दरवाजे के पास ही पानी के बर्तन रखे हाेेेेते थे बाहर से आना वाला व्यक्ति पहले हाथ-मुंह धोता था फिर घर में प्रवेश करता था। यह इसी बात का सूचक है कि बाहर की नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश से रोका जाये। जो कि अब कराेेना से बचने के लिए कर रहे हैैं। आजकल तो वैसे भी बड़ी ही स्टाइलिश शूज रैक आदि मार्केट में उपब्ध हैं।
रैक के ऊपर ही एक हैंड सेनेटाइजर की बॉटल रखें जिससे बाहर से आने वाला व्यक्ति अपने हाथ सेनेटाइज कर सके और घर में संक्रमित बीमारियां फैलने का खतरा कम हो सके। जो आज समय चल रहा उसमें घर और स्वयं की साफ-सफाई पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है।
यदि आप घर की साफ-सफाई स्वयं करती हैं या मेड करती हैं और पोंछे के लिए मॉप मशीन का प्रयोग करती हैं तो घर में दो मॉप रखें। एक सूखा मॉप जिससे हाथ की हाथ प्रतिदिन दीवारों पंखों दरवाजों-खिडकियों साफ किया जा सके और घर हमेशा साफ-सुथरा रहे। दूसरा मॉप घर में पोंछा लगाने के लिए प्रयोग करें।
यदि आप घर की साफ सफाई के लिए उपरोक्त टिप्स अपनाती हैैं तो अपने व अपने परिवार केे लिए भी समय निकाल पायेंगी और तनाव मुक्त रहेंंगी।
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