कुछ बच्चों की आदत होती है कि वह लोगों में कम घुलते-मिलते हैं। अपनी मन की बात नहीं कह पाते। मन की भावनाओं को दबाकर रखने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसलिए बच्चों पर मानसिक दवाब न बनायें, उनके साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती न करें बल्कि उन्हें प्रेरित करें। बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा तो वह अनेक प्रकार की बीमारियों से बचे रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे। जोकि बेहद आवश्यक भी है।
बच्चे हों या बड़े, सभी के बीमार होने की बड़ी वजह, इम्यूनिटी का का कमजोर होना ही है। किसी भी प्रकार के संक्रमण से पहले हमारा शारीरिक सिस्टम फाइट करता है, यदि वह कमजोर होता है तो हम बीमार पड़ जाते हैं यदि नहीं, तो हम स्वस्थ रहते हैं। आज के लॉक डाउन के समय में सभी का डेली रूटीन अस्त-व्यस्त हो गया है। न तो सोने का समय है और न ही सुबह नींद से जागने का। जब सुबह की ही शुरूआत ही पूरे दिन का रूटीन तय करती है। अस्त-व्यस्त सबसे अधिक बच्चों की लाइफ हो गई है। इसका सीधा दुश्प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। जबकि करोना काल में बच्चों का इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद आवश्यक है। इसमें अभिभावकों का अहम रोल है।
आइए जानते हैं कैसे?
बच्चों में अच्छी हों या बुरी, दोनों ही प्रकार की आदतों का प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि हम बच्चों की कुछ आदतों पर थोड़ा सा भी ध्यान दें तो बच्चों में इम्यूनिटी सिस्टम को आसानी से मजबूत बनाया जा सकता है।
संतुलित आहारः
स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव हमारे भोजन का पड़ता है। बच्चों में स्नैक्स अधिक पसंद होते हैं। मम्मियां भी इस ओर ध्यान नहीं दे पातीं। सोचती हैं चलो कुछ तो खाया। खुश होकर खा लिया यही काफी है। किन्तु यह गलत है। आप बच्चों को हेल्द भोजन दीजिए। यदि बच्चा प्रतिदिन प्रिजवेटिव और शुगर का अधिक सेवन करेगा तो इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होगा। आप बच्चों को संतुलित और पौष्टिक भोजन दें। बच्चों के प्रतिदिन के भोजन में विटामिन सी को अवश्य शामिल करें। विटामिन सी, पालक, ब्रोकली, आम, संतरा, अमरूद, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अन्नानास, नींबू, स्प्राउट आदि में भरपूर मात्र में पाया जाता है।
सुबह मॉर्निंग में ताजू फल, दलिया, अंडा, मक्खन, दूध, सब्जियां आदि खाने को दें। ये चीजें सीधे खाने को न देकर इनसे कुछ बनायें, जो बच्चा खुश होकर खा ले। दूध पीने की आना-कानी करे तो आप दूध, केला/पपीता/आम, शहद, सूखे मेवे, क्रीम आदि को मिलाकर स्मूथी बनाकर दें। यदि बच्चा सुबह परोठे या रोटी आदि न खाये तो सब्जियों का आप सैंडविच, बर्गर आदि बना दें। अंडे के आमलेट, भुर्जी आदि बना दें। दलिया एक हाई फाइबर का स्रोत है इसे आप उपमा आदि बना दें। इस प्रकार आप बच्चों को संतुलित और पौष्टिक भोजन देकर बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बना सकती हैं।
देर रात तक जागनाः
आज के समय में बच्चे हों या बड़े, देर रात तक टीवी या मोबाइल पर बिजी रहते हैं। बड़े स्वयं मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं तो बच्चों को भी रोक नहीं पाते या यूं कहें कि उनका ध्यान इस ओर जाता ही नहीं है।
देर रात सोने से नींद पूरी नहीं हो पाती, जिससे इम्यूनिटी का बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों को उम्र के हिसाब से कम से 10 से 14 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। नींद की कमी के कारण शरीर पर स्ट्रेस बढ़ता है जो मस्तिष्क में ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करता है। इस कारण इम्यूनिटी सिस्टम प्रभावित होता है।
पर्याप्त नींद के लिए बच्चों को स्मार्टफोन का प्रयोग रात का न करने दें। समय पर सुलायें और सोने के कमरे का वातावरण शांत और खुशनुमा रखें।
आउट गोइंग गेमः
वैसे तो अभीअ जो समय हैं उसमें बाहर कम ही निकलें, लोगों से कम मिलें-जुलें तो अच्छा है। किन्तु ऐसा करने से बच्चे अधिक समय तक मोबाइल, वीडियो गेम या फिर टीवी में अधिक व्यस्त रहते हैं। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शारीरिक सक्रिय न हो पाने से बच्चों में इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिससे बीमारियों का अटैक आसानी से होता है। आप अपने बच्चों को बाहर जाकर खेलने के लिए प्रेरित करें। बाहर बच्चों को मास्क लगाकर ही भेजें। बच्चों के शारीरिक श्रम के लिए इंडोर और आउटडोर दोनों प्रकार की एक्टिविटी को शामिल करें। बाहर खेलने के लिए बच्चों का एक रूटीन बनायें। बच्चों को आप बेडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट आदि गेम खेलने दे सकती हैं, इस प्रकार के गेम में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखा जा सकता है।
सैकण्ड हैंड स्मोकिंगः
यदि घर में या आसपास कोई सिगरेट पीता हो तो इसका धुंआ बच्चों के इम्यूनिटी का नुकासान पहुंचाता है। बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं इसलिए बच्चों के लिए सिगरेट का धुंआ अधिक खतरनाक होता है। इससे बच्चों में करोना-19 होने के साथ-साथ ब्रोकाइटिस, अस्थमा, यहां तक कि कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए बच्चों को ऐसे माहौल से दूर रखें जहां कोई भी धूम्रपान करता हो।
कुछ बच्चों की आदत होती है कि वह लोगों में कम घुलते-मिलते हैं। अपनी मन की बात नहीं कह पाते। मन की भावनाओं को दबाकर रखने से स्वास्थ्य पर बुरा पड़ता है और इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसलिए बच्चों पर मानसिक दवाब न बनायें, उनके साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती न करें बल्कि उन्हें उपरोक्त बातों के लिए प्रेरित करें। बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा तो वह अनेक प्रकार की बीमारियों से बचे रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे। जोकि बेहद आवश्यक भी है।
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