मानसिक तनाव से बचने के लिए हमें दिखावे से दूर रहना चाहिए। स्वयं के लिए जीना, स्वयं के स्वास्थ्य और शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार खाना और पहनना चाहिए। घर में उन्हीं चीजों का लाना चाहिए जिनकी हमें वास्तव में आवश्यकता है, न कि इसलिए कि वह पडोसी या रिश्तेदार के पास है। इससे शायद आप कम्पटीशन में तो जीत जायें किन्तु अपनी मानसिक शांति खो बैठेंगे। उन्हें लेने के लिए आपको शायद अपने बजट से बाहर भी जाना पडे। एक कहावत है- ‘संतोषम परम सुखम्।।’
आज की लाइफ तनाव से भरी है। सभी स्त्री-पुरुष, बच्चे, बुर्जुग सभी लगभग मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। किसी को घर की टेंशन है, किसी को एग्जाम की टेंशन है तो किसी को ऑफिस या बिजनेस की। मनुष्य का शारीरिक श्रम तो काफी कम हो गया है, तकनीकि विकास से कई प्रकार की सुविधाएं हो गई हैं। आधे से ज्यादा काम तो आधुनिक टेकनीक के द्वारा ही हो जाता है, किन्तु जैसे-जैसे शारीरिक श्रम कम होता जा रहा है वैसे-वैसे मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
मानसिक तनाव का कारण क्या आधुनिक टेकनीक है?
मानसिक तनाव बढ़ने का कारण मशीन तो कदापि नहीं हैं। कारण है हमारे जीने का नजरिया। जीवन का भौतिकवादी दिखावा है। कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता। आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ। अमेरिका, कनाडा, यूरोप रूस कहीं भी, आपको मानसिक शांति नहीं मिलेगी। रिश्तों में दूरियां बढती जा रही हैं। जीवन की इस दौड़ में हम सभी में आत्मीयता खत्म होती जा रही है। जैसे विश्व सिकुडता जा रहा है वैसे-वैसे सभी के बीच की दूरियां बढ़ती जा रही हैं। परिणाम यह है कि सभी अपनी परेशानियों से स्वयं ही जूझ रहे हैं जिससे यह तनाव और बढ़ रहा है। हम इन कारणों से तो आपको निज़ात शायद न दिला पाएं किन्तु इस बढ़ते मानसिक तनाव को कैसे दूर किया जाए इसमें आपकी मदद अवश्य कर सकते हैं।
सर्वप्रथम दिखावे से दूर रहना चाहिए।
स्वयं के लिए जीना, स्वयं के स्वास्थ्य और शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार खाना और पहनना चाहिए। घर में उन्हीं चीजों का लाना चाहिए जिनकी हमें वास्तव में आवश्यकता है, न कि इसलिए कि वह पडोसी या रिश्तेदार के पास है। इससे शायद आप कम्पटीशन में तो जीत जायें किन्तु अपनी मानसिक शांति खो बैठेंगे। उन्हें लेने के लिए आपको शायद अपने बजट से बाहर भी जाना पडे।
एक कहावत है- ‘संतोषम परम सुखम्।।’
हम अपनी लाइफ स्टाइल को बदलें।
यदि आप थोडा सा कार्य करने से थक जाते हैं तो आपके अंदर ऊर्जा की कमी है। शरीर स्वस्थ होगा तो मन और मस्तिष्क भी स्वस्थ होंगे। मानसिक शांति के लिए शरीर का स्वस्थ होना भी बेहद आवश्यक है। इसके लिए आप प्रतिदिन सुबह वॉक के लिए जायें। जो लोग मॉर्निंग वॉक करते हैं वे अन्य लोगों की तुलना में अधिक एक्टिव व स्वस्थ व प्रसन्न रहते हैं। स्वयं के लिए 20 से 30 मिनट अवश्य निकालें।
चाय-कॉफी का सेवन कम कर दें
थकान होने पर या सुबह की चाय या कॉफी हमें तुरंत एनर्जी तो दे देते हैं किन्तु इनडारेक्ट यह हमें काफी नुकसान पहुंचाते हैं। मानसिक तनाव दूर करने के लिए भी हम अक्सर चाय-कॉफी अधिक पीते हैं। चाय-कॉफी के स्थान पर आप सुबह गुनगुना पानी पीयें या गुनगुना नींबू पानी पीयें। इसके साथ ही कम से कम 10 मिनट सीढियां उतरने व चढने का अभ्यास करे। ऐसा करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन बढेगा। बढा हुआ ब्लड फ्लो आपके शरीर में ऑक्सीजन को बढाने का कार्य करेगा। आप स्वयं को अधिक एक्टिव व स्वस्थ महसूस करेंगे।
रात को एक अच्छी नींद के लिए हल्का भोजन करें, भोजन के बाद वॉक करें और रात को चाय या कॉफी बिल्कुल न पीयें इसकी जगह और हल्का गुनगुना हल्दी का दूध अवश्य पी सकते हैं।
जंक व पैक्ड फूड का सेवन न के बराबर करें
जंक फूड हो या पैक्ड फूड सभी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। ये लगभग सभी लोग जानते भी हैं किन्तु खाना बनाने का आलस और इनके स्वाद के आगे सभी बातें भूल जाते हैं। यही कारण है आज हर पांचवा व्यक्ति हृदय संबंधी बीमारियों और शुगर से पीडित है। इसलिए अपना खान-पान चेंज करें और अपने भोजन में ताजे फल और मौसमी सब्जियों को शामिल करें। मौसम के अनुसार भोजन हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करता है। जब व्यक्ति स्वस्थ रहता है तो प्रसन्न भी रहता ही है।
गहरी नींद लें
देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना, आम बात है किन्तु आप यह जानकर हैरान होंगे कि गहरी और अच्छी नींद हमारे मानसिक तनाव को काफी हद तक दूर करती है। इसलिए आप समय से सोये और सुबह सूर्य उदय से पहले बिस्तर छोड दें। जो काम आप देर रात तक जाग कर करते हैं उसे सुबह जल्दी उठकर कर सकते हैं। एक गहरी और अच्छी नींद हमें कई बीमारियों से दूर रखती है।
शाम को सोने से पहले यदि सिर की हल्के गुनगुने तेल की मालिश करेंगे तो नींद अच्छी आयेगी। यदि नींद अच्छी आएगी तो दिमाग शांत होगा और मानसिक तनाव स्वयं ही कम हो जायेगा। क्योंकि मानसिक तनाव होने के कारण हम अच्छी नींद नहीं ले पाते, एक अच्छी नींद आपको एनर्जिक डोज का काम करेगी। रात को जल्दी सोने की कोशिश करें और देर रात तक न तो काम करें और न ही टीवी देखें और न ही मोबाइल का ही प्रयोग करें। आस-पास का सुगंधित वातावरण भी मानसिक तनाव को काफी हद तक दूर करता है। इसलिए अपने बेडरूप में हल्की महक के लिए रूम फ्रेशनर आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
सुबह कुछ समय स्वयं के लिए निकालें।
कुछ देर योग करें।
मेडिटेशन करें।
इसके अलावा बादाम का दूध मानसिक तनाव को काफी हद तक दूर करता है। यह दिमाग को शांत करता है। बादाम का दूध बनाने के लिए 8-10 बादामों को लगभग 10-12 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रख दें। अगले दिन छिलका उतारकर दूध के साथ पीस लें। इसके साथ अन्य मेवे भी डाल सकते हैं। दूध में थोड़ी सी अदरक और मिठास के लिए शक्कर या शहद मिलाकर पीयें। यदि दूध गर्म होगा तो और भी अच्छा है। इस मिश्रण से वात दोष भी कम होंगे और आपका मानसिक तनाव छूमंतर हो जाएगा।
बादाम खाने से दिमाग और याददाश्त भी तेज होती है।
अक्सर हमने बड़े बुजुर्गों से सुना है कि मेवे खाया करो। लेकिन हम ये सोचते है कि मेवे खाने से हमारा वजन बढ़ेगा और इसे हम नहीं खाते। मेवे बहुत पौष्टिक होते है और मेवों में सबसे ज्यादा फायदेमंद बादाम है। कई बार हम ऐसी जगह जाते है जहाँ भोजन की उचित व्यवस्था नहीं होती, ऐसे में ये बादाम बहुत काम आता है। बादाम में मैग्निशियम, प्रोटीन व आयरन होता है, एक शोध के अनुसार पाया गया है, जो लोग रोज बादाम खाते है उनकी आयु ना खाने वालो की अपेक्षा 20 प्रतिशत ज्यादा होती है। दिल का दौरा आने का खतरा कम करता है। बादाम में मौजूद फोस्फोरस व हडडी और दान्तों को मजबूत करता है। बादाम रोजाना लेने से, डायबटीज control रहती है व इन्सुलिन की जरूरत नहीं होती।
रोज सुबह भीगे हुए बादाम खाने से दिमाग तेज होता है और याददाश्त भी तेज होती है। बादाम बच्चों के लिए बहुत जरुरी है।
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