खजूर पोषक तत्वों से भरपूर होता है। खजूर में आयरन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, जिंक आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा खजूर में विटामिन ए, बी 6 फोलिक एसिड भी होता है। खजूर में फ्रुक्टो एच और डेक्स ट्रेज नामक साधारण चीनी भी होती है, जिसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। खजूर का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। यह गर्भवती और प्रसूता महिला, दोनों महिलाओं के लिए फायदेमंद है। खजूर खाने से हडिडयां मजबूत होती हैं और शरीर में खून की कमी दूर होती है।
खजूर के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन शायद ही कोई इसकी खूबियों के बारे में जानता हो। खजूर बहुत पौष्टिक होता है।यह ऊर्जा का स्रोत है इसलिए इसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। इसके गुणों के कारण ही मुस्लिम धर्म में, रोज़ा केवल खजूर खाने से खोला जाता है। खजूर पोषक तत्वों से भरपूर होता है। खजूर में आयरन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, जिंक आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा खजूर में विटामिन ए, बी 6 फोलिक एसिड भी होता है। खजूर में फ्रुक्टो एच और डेक्स ट्रेज नामक साधारण चीनी भी होती है, जिसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है।
खजूर का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। यह गर्भवती और प्रसूता महिला, दोनों महिलाओं के लिए फायदेमंद है। खजूर खाने से हडिडयां मजबूत होती हैं और शरीर में खून की कमी दूर होती है। खजूर खाने से अपना दूध पिलाने वाली मां का दूध, प्रचुर मात्रा में बनता है। इसलिए दूध पिलाने वाली मां को भी खजूर जरूर खाना चाहिए।
खजूर में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, जिंक आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा खजूर में विटामिन ए, बी 6 फोलिक एसिड भी होता है। तत्व प्रचुर मात्रा में हैं
लोहा
आयरन हमारे शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। खजूर में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। खजूर खाने से शरीर में खून की कमी पूरी होती है।
कैल्शियम
कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है। खजूर, कैल्शियम से भरपूर होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है। खजूर मीठा, मुलायम, पौष्टिक होता है और तुरंत शक्ति प्रदान करता है। 100 ग्राम खजूर शरीर की दैनिक जरूरतों को पूरा करता है।
मैगनीशियम
खजूर में मैग्नीशियम भी उचित मात्रा में पाया जाता है। मैग्नीशियम के कई फायदे हैं। यह शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को धीरे-धीरे कम करता है। खून पतला होने के कारण रक्त का संचार सामान्य होता है, जिससे रक्तचाप में सुधार होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
सोडियम
सोडियम हमारे शरीर में एसिड और क्षारीय तत्वों को संतुलित करता है। यह हमारे शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करता है। खजूर में सोडियम भी पाया जाता है। खजूर खाने से हृदय की मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के ऊतकों की संवेदी शक्ति के संकुचन को संतुलित करता है, जो हमारे हृदय गति को सामान्य रखने में मदद करता है।
फॉस्फोरस
फास्फोरस भी खजूर में पाया जाता है। हमारे गुर्दे फास्फोरस के कारण बेहतर काम करते हैं। फॉस्फोरस ही नहीं, खजूर से हड्डियां भी मजबूत होती हैं। शरीर में फॉस्फोरस की कमी के कारण आर्थराइटिस जैसी समस्या शुरू हो जाती है।
जस्ता (जिंक)
जिंक हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है, खजूर में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। खजूर के नियमित सेवन से शरीर में जिंक की मात्रा को संतुलित रखकर बच्चों में इम्यूनिटी को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जिंक फायदेमंद है। जो लोग रोग प्रतिरक्षा बढ़ाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं वे जस्ता युक्त खाद्य पदार्थों का उपभोग कर सकते हैं। शरीर को हर दिन जिंक की जरूरत होती है। जिंक एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है, और स्वस्थ त्वचा, आंखों और बालों को स्वस्थ रखता है। इसलिए आज के समय में बदलते मौसम, प्रदूषण और कोरोना जैसी बीमारियों से बचने और खुद को स्वस्थ रखने के लिए इम्युनिटी को मजबूत रखना बहुत जरूरी है।
खजूर, बच्चों को क्यों खिलाना चाहिए?
पोटेशियम, मस्तिष्क के विकास में मदद करता है और खजूर में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए, खजूर बच्चों को खिलाना चाहिए।
खजूर से पेट के कीड़े मर जाते हैं, जिससे बच्चों का पेट साफ हो जाता है। लीवर के लिए खजूर भी बेहतर काम करता है।
जिन बच्चों को एसिडिटी और अल्सर की समस्या है। उन्हें खजूर खाने के लिए दिया जाना चाहिए। खजूर एसिडिटी और अल्सर के लक्षणों को कम करता है। सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
खजूर में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए जो बच्चे बढ़ रहे हैं और जिनके दांत निकल रहे हैं, उन्हें यह जरूर खिलाना चाहिए।
आपको शायद याद होगा कि जब बच्चे माता या चेचक के संपर्क में आते थे, तो उन्हें खजूर खाने की सलाह दी जाती थी। खजूर में ऊर्जा का स्तर बहुत अच्छा होता है, जिससे चेचक के रोगी को ठीक होने में मदद मिलती है, इसलिए दादी और नानी बच्चों को खजूर खिलाती थीं।
एक ठोस भोजन के रूप में आप खजूर को छोटे बच्चों को खिला सकते हैं, जिनके अभी तक दांत नहीं निकले हैं, लेकिन छोटे बच्चों को कोई भी नई चीज खिलाने के बाद, इसका असर दो से तीन दिनों तक देखा जाना चाहिए। अगर बच्चा आसानी से पच रहा है, तो उसे नियमित रूप से खिलाना चाहिए। आप छोटे बच्चों को खजूर की प्यूरी के रूप में, या भोजन में मीठे के अलावा दूध के साथ मिलाकर खिला सकते हैं।
जिन बच्चों में एनीमिया होता है, उन बच्चों को एनीमिया पर काबू पाने के लिए नियमित रूप से खजूर खिलाना चाहिए।
खजूर शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करता है। खजूर सोडियम में पाया जाता है, इसलिए जिन बच्चों को सूखा रोग है या पोषक तत्वों की कमी है, उन्हें खजूर खिलाना चाहिए।
कुछ बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं जिससे उनका उचित शारीरिक विकास नहींं हो पाता। खजूर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, इसलिए सभी बच्चों को नियमित रूप से खजूर का सेवन करना चाहिए।
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