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हेपेटाइटिस बी इतना खतरनाक क्‍यों है? | Hepetaitis-B itana khataranaak k‍yon hai?

Vimla Sharma

Updated: Jul 12, 2021



जब भी हेपेटाइटिस बी इन्‍फेक्‍शन होता है तो इसके सिम्‍टम्‍स पता ही नहीं चलते। यह बहुत ही साइलेंट‍ली अटैक करता है। कई बार लोगों को हेपेटाइटिस इंन्‍फैक्‍शन होता है किन्‍तु इन्‍फेक्‍शन है, इसका पता चलने में ही साल दो साल लग जाते हैं, और तब यह काफी गंभीर रूप ले चुका होता है।


हेपेटाइटिस का नाम तो काफी सुना है किन्‍तु इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इसलिए इसे गंभीरता से भी नहीं लेते। जोकि कभी-कभी जानलेवा साबित होता है।

जब भी हेपेटाइटिस बी इन्‍फेक्‍शन होता है तो इसके सिम्‍टम्‍स पता ही नहीं चलते। यह बहुत ही साइलेंट‍ली अटैक करता है। कई बार लोगों को हेपेटाइटिस इंन्‍फैक्‍शन होता है किन्‍तु इन्‍फेक्‍शन है, इसका पता चलने में ही साल दो साल लग जाते हैं, और तब यह काफी गंभीर रूप ले चुका होता है। यही वजह है कि कभी-कभी यह कैंसर का रूप भी ले लेता है।



क्‍या है हेपेटाइटिस बी?

सामान्‍य शब्‍दों में इसे लिवर में हेपटाइटिस वायरस (HBV) का इन्‍फेक्‍शन कह सकते है। यह वायरस खून, असुरक्षित सेक्‍स, दूसरों के इस्‍तेमाल की गई सूई से फैलता है और यह गर्भवती मां से बच्‍चे में भी फैल सकता है। यह वायरल सीधे लिवर पर हमला करता है और इस वजह से लिवर में सूजन आ जाती है, इसलिए इसे हेपेटाइटिस नाम दिया गया है।



हेपेटाइटिस के प्रकार

  • यह A, B, C, D, E और G होते हैं जिनमें ए और बी सबसे कॉमन हैं।

  • A और E अधिक खतरनाक नहीं होते, जबकि B और C सबसे खतरनाक वायरस हैं इन्‍हें क्रॉनिक हेपेटाइटिस माना जाता है।

  • हेपेटाइटिस D कभी भी अकेले नहीं रहता। यह हमेशा B के साथ एक्टिव होता है।

  • हेपेटाइटिस A और B के लिए वैक्‍सीन उपलब्‍ध है लेकिन हेपेटाइटिस C के लिए अभी वैक्‍सीन नहीं है।

  • हेपेटाइटिस E और G पर अभी शोध जारी है, इन पर जानकारी अभी अधिक उपलब्‍ध नहीं है।


हेपेटाइटिस B वायरस कितनी प्रकार के हैं?

एक्‍यूट हेपटाइटिस बी

इसका इन्‍जेक्‍शन 6 महीने तक रह सकता है। हेपेटाइटिस बी पैनल टेस्‍ट से इसके बारे में पता चल जाता है।

क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी

अगर ब्‍लड में हेपेटाइटिस बी का वायरस 6 महीने से ज्‍यादा समय से हो तो उसका इलाज क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी के रूप में किया जाता है। यह ज्‍यादा खतरनाक है।



कैसे फैलता है हेपेटाइटिस ?

संक्रमित ब्‍लड दूसरे शख्‍स के शरीर से संपर्क होने पर संक्रमित शख्‍स के साथ असुरक्षित सहवास करने से

सूई जैसी चीजें जिस पर संक्रमित व्‍यक्ति का खून लगने का अंदेशा हो उसे पुन: प्रयोग करने से

टैटू बनवाते समय संक्रमित सूई से भी हेपेटाइटिस होने का खतरा बढ जाता है।



हेपेटाइटिस से कैसे बचा जा सकता है?

  • हेपेटाइटिस से बचने के लिए सभी को वैक्‍सीन लगवाना चाहिए।

  • सभी नवजात बच्‍चों को एक वर्ष के भीतर वैक्‍सीन लगवानी आवश्‍यक है।

  • मेडिकल फील्‍ड और पब्लिक सेफ्टी के लिए कार्य करने वाले लोगों को वैक्‍सीन लगवा लेनी चाहिए इसके अतिरिक्‍त ऐसे व्‍यक्तियों को भी वैक्‍सीन लगवा लेनी चाहिए जिनको किडनी से संबंधित परेशानी है या जिनका नियमित रूप से डायलिसिस होता है।

  • प्रैग्‍नेंसी के दौरान ड्रग्‍स लेने वाले या जिन्‍होंने पहले ड्रग्‍स लिया हो उन्‍हें वैक्‍सीन लगवानी चाहिए।

  • जिन्‍होंने असुरक्षित तरीके से अपने शरीर पर टैटू बनवाया हो, उन्‍हें भी वैक्‍सीन लगवानी चाहिए।

  • यदि परिवार में किसी को हेपेटाइटिस बी किसी को है उन्‍हें वैक्‍सीन लगवानी चाहिए।



वैक्‍सीन लगवाना कितना सुरक्षित है?

हेपेटाइटिस बी वैक्‍सीन काफी सुरक्षित है। वास्‍तव में यह वैक्‍सीन कैंसर रोधी है। यह बीमार व्‍यक्ति में लीवर के कैंसर को रोकता है।

यदि आप भूल जायें कि आपने हेपेटाइटिस बी वैक्‍सीन लगवाई है या नहीं तो ऐसे में आप डॉक्‍टर की सलाह से ब्‍लड टेस्‍ट करवा कर Anti HBs करवा सकते हैं। यदि दोबारा वैक्‍सीन लगवा लेंगे तब भी नुकसान नहीं होगा।

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

  • अगर आपके पेट तेज दर्द हो,भूख कम लगे या तेजी से वजन तेजी से कम होने लगे तो तुरंत डॉक्‍टर से मिलें और अपनेे सभी जरूरी टेस्‍ट करवायें।

  • पेट में बार-बार गैस बनना और पेट फूलना जैसा महसूस करें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

  • मसालेदार भोजन करने से बचें।

  • कॉफी और कॉर्बोनाइड पेय पदार्थो का सेवन करने से बचें।

  • शराब का सेवन न करें।

  • लहसुन, प्‍यााज, सेब आदि काेे अपने आहार का हिस्‍सा बनायें।




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