पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के कारण, 21 साल या उससे कम उम्र की लडकियां स्कूल, कॉलेज ही नहीं जातीं क्यों कि वह दर्द के कारण किस भी काम पर फोकस ही नहीं कर पातीं। वास्तव में सच्चाई तो यह है कि इससे महिलाओं और किशोरियों की मन स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पडता है। कुछ महिलाओं को यह बात सामान्य लग सकती है किन्तु ऐसा है नहीं। अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इतना तेज दर्द रहता है कि वह बिस्तर से उठ नहीं पातीं। यह सामान्य बात नहीं है, यह एक समस्या है, इसका समाधान आवश्यक है।
पीरियड्स के दर्द में घरेलू उपायों से तुरंत छुटकारा पायें
हर महीने होने वाली माहवारी के दौरान दर्द इतना अधिक होता है कि आफिस से छुट्टी तक लेनी पडती है। यह समस्या अधिकतर महिलाओं और किशोरियों की है। जिसे वह शर्म के कारण छिपा जाती हैं। हाल ही में 32000 महिलाओं पर हुए शोध के अनुसार 26,438 महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे बीमार होने के बाद भी ऑफिस गईं हैं, जो महिलाएं पीरियड्स के दौरान भी ऑफिस जाती हैं, उनमें काम को लेकर प्रॉडक्टिविटी में कमी देखने को मिलती है। एक रिसर्च के अनुसार पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के कारण, महिलाओं के कार्य में 33 प्रतिशत तक कमी देखी गई है। पीरियड्स के दर्द के दौरान 21 साल या उससे कम उम्र की लडकियां स्कूल, कॉलेज ही नहीं जातीं क्यों कि वह दर्द के कारण किस भी काम पर फोकस ही नहीं कर पातीं। वास्तव में सच्चाई तो यह है कि इससे महिलाओं और किशोरियों की मन स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पडता है। कुछ महिलाओं को यह बात सामान्य लग सकती है किन्तु ऐसा है नहीं। अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इतना तेज दर्द रहता है कि वह बिस्तर से उठ नहीं पातीं। यह सामान्य बात नहीं है, यह एक समस्या है, इसका समाधान आवश्यक है।
इस समस्या से समाधान के लिए सर्वप्रथम खान-पान पर ध्यान देना आवश्यक है। आमतौर पर महिलाएं पीरियड्स के दौरान अपने खान-पान और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देतीं। यदि थोडा पर खान-पान और साफ-सफाई का ध्यान रखें तो पीरियड्स के दौरान दर्द से थोडी राहत अवश्य मिलेगी।
पीरियड्स के दौरान क्या खायें?
खाने में विटामिन्स और आयरन से जुडी चीजें अधिक खायें।
विटामिन ई की कमी दूर करने के लिए अंडा ले सकती हैं।
विटामिन बी6 खून के थक्कों को कम करता है। विटामिन बी6 आलूओं में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पीरियड्स के दौरान किसी न किसी रूप में आलुओं का सेवन करें।
विटामिन सी पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करते हैं, इसलिए विटामिन सी से संबंधित फल और सब्जियां खायें।
विटामिन ए के लिए हरी पत्तेदान सब्जियां खायें।
यदि मीठा खाने का मन करे तो मिठाई के स्थान पर मीठे फल खायें जैसे सेब, अनार, संतरा आदि। फलों से शरीर में खून की मात्रा बढेगी, वहीं डार्क चॉकलेट मूड स्विंग और चिडचिडापन दूर करने का कार्य करेगी।
शरीर में होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए फैटी एसिड का सेवन आवश्यक है। फैटी एसिड हमें मछली, लौकी, सूरजमुखी ऑयल आदि से प्राप्त होता है।
अपनी दिनचर्या में धनिये के रस को शामिल करें और प्रतिदिन सुबह खाली पेट हरे धनिये का जूस अवश्य पीयें। यह आपको पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से पूरी तरह निजात दिलायेगा।
2 चम्म्च सरसों या राई पाउडर लें, इसे मिक्सी में पीस कर पाउडर बना लें। इस पाउडर को 1 गिलास पानी के साथ कुछ देर उबालें। इसके बाद गैस बंद कर दें। अब इस गर्म पानी में कोई भी सूती कपडा डालकर नाभि पर रखें, पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से तुरंत आराम मिलेगा। इस प्रक्रिया को आप मासिक धर्म से पहले हेाने वाले दर्द में भी प्रयोग कर सकती हैं। इस प्रक्रिया को दिन में एक बार अवश्य करें।
पीरियड्स के दौरान क्या न खायें?
ज्यादा चीनी और नमक के साथ तली-भुनी चीजों से परहेज करें।
अचार का सेवन न करें।
दही या छाछ या दही से बने प्राडक्ट जैसे रायता आदि न खायें।
आइसक्रीम का सेवन न करें।
एक बार में अधिक न खायें।
पीरियड्स के दौरान जंक फूड न खायें।
ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक्स आदि न पीयें।
दर्द को भगाने के लिए दिन में दो बाद अदरक और तुलसी की चाय पीयें। चाय दो कम से अधिक न पीयें। इसमें कैफीन होने के कारण यह आपकी समस्या को बढा सकता है।
हैवी फूड और बादी पैदा करने वाले फूड जैसे राजमा, छोले, भिंडी, अरबी उडद की दाल आदि न खायें।
रात को सोते समय आधा चम्मच अजवाइन और थोडा सा काले नमक की फंकी खाकर सोयें। यह आप सादा पानी से ही लें।
मासिक धर्म के दर्द से योग और आसन से लाभ
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कुछ व्यायाम हैं जो आपको लाभ पहुंचा सकते हैं। किन्तु यह क्रियाएं पीरियड्स के दौरान न करें। इन्हें अपने दिनचर्या में शामिल करें।
पहली क्रिया
एक समतल जगह पर पदमासन में बैठ जायें ऐसे न बैठ पायें तो आलती-पालती मारकर बैठ जायें।
हाथों को ज्ञान मुद्रा में ले लें। या फिर ब्रह्मांजली मुद्रा में नाभि के नीचे, दोनों हाथों को एक-दूसरे पर रखें।
आंखें बंद करें और सामान्य तरीके से सांस लें। 5 से 10 मिनट तक मूलबंध का अभ्यास करें।
इस आसन से आपको मासिक धर्म में होने वाले दर्द से हमेशा के लिए पूरी तरह से छुटकारा मिलेगा।
दूसरी क्रिया
चटाई पर पीठ के बल लेट जायें। हाथों को इंटरलॉक करके कंधों के ऊपर ले जायें और ऊपर की ओर खींचें। पैरों को नीचे की खीचें।
उपरोक्त प्रक्रिया को 3 बार दोहरायें।
अब दोनों पैरों को मोडकर एडियों को हिप्स से लगायें। फिर योनि या गुदा को अंदर की ओर संकुचित करने के प्रयास करें। इस प्रक्रिया को 5 से 6 बार बार दोहरायें।
इसके पश्चात दोनों हाथों को इंटरलॉक करके सिर के नीचे लगायें और सांस भरते हुए घुटनों को मोडे हुई स्थिति में दायें बाये करें। कंधों को स्थिर रखने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया को 5 से 7 बार दोहरायें।
नोट :
उपरोक्त दोनों आसनों को मासिक धर्म के दौरान न करें। इन दोनों आसनों को प्रतिदिन खाली पेट करें। मासिक धर्म में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलेगा।
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