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बाकूची बनाये आपकी त्‍वचा को जवां | Bakuchi make your skin young

Vimla Sharma

Updated: Dec 15, 2022


बाकुची एक भारतीय पौधा है। इसमें पाये जाने वाले एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍व त्‍वचा के दाग-धब्‍बों में मिटाने में मदद करते हैं। यह केमिकल बाकुची ऑयल है जो बाकुची के बीजों से निकाला जाता है जिसके तेल का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है। यह स्वाद में थोड़ा मीठा, कड़वा और तीखा होता है। यह एंटी-ऐजिंग तत्‍व है। यह चेहरे पर विटामिन ई से बेहतर काम करता है। त्वचा की स्‍ट्रेंथ को सुरक्षित रखा जाता है, जिससे महीन रेखाएं और झुर्रियां कम होती हैं।

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बाकुची एक पौधा है। यह अधिकतर भारत में पाया जाता है। यह अपने औषधीय गुणों के कारण त्‍वचा के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसमें पाये जाने वाले एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍व त्‍वचा के दाग-धब्‍बों में मिटाने में मदद करते हैं। यह केमिकल बाकुची ऑयल है जो बाकुची के बीजों से निकाला जाता है जिसके तेल का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है। यह स्वाद में थोड़ा मीठा, कड़वा और तीखा होता है। यह एंटी-ऐजिंग तत्‍व है। यह चेहरे पर विटामिन- ई से बेहतर काम करता है। त्वचा की स्‍ट्रेंथ को सुरक्षित रखा जाता है, जिससे महीन रेखाएं और झुर्रियां कम होती हैं।



बाकुची पौधे की पत्तियों और बीजों से प्राप्‍त बाकुचीयोल, रेटिनॉल का एक नैचुरल, पौधा है। यह एक ऐसा इंग्रेडिएंट है, जिसे एंटि-ऐजिंग स्किनकेयर प्रोडक्‍ट्स में उपयोग किया जाता है। रेटिनॉल में एक इंग्रडिएंट्स के रूप में कई फायदे होते हैं, जो उम्र बढने के शुरूआती संकेतों को कम करने में मदद करते हैं किन्‍तु इसके अधिक प्रयोग के कुछ साइड इफैक्‍ट भी हैं। अधिक प्रयोग से यह त्‍वचा में इरिटेशन, रेडनेस और सेंसिटिविटी पैदा कर सकता है। इसके अलावा, रेटिनॉल को प्रेग्‍नेंसी और ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान प्रयोग करने से बचना चाहिए।



बाकुची ऑयल हमारी त्‍वचा में कोलेजन को बढाता है। यह रिंकल्‍स, फाइन लाइन्‍स जैसे उम्र बढने के संकेतों को करता है। डार्क स्‍पॉट्स को कम करता है और असामान्‍य रूप से स्किन टोन पर डिस्‍कलरेशन को कम करता है। बाकुची ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेंटरी और एंटी बैक्‍टीरियल प्रॉपर्टीज होने के कारण यह एवेन प्रोन स्‍किन के लिए अच्‍छे ऑप्‍शन हो सकते हैं।



सावधानियां

बाकुची ऑयल का उपयोग प्रारम्‍भ करने से लगभग 24 घंटे पहले इसका स्किन के पीछे थोडा सा लगाकर जांच कर लेनी चाहिए कि इससे आपको एलर्जी तो नहीं है। यह आपको नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा। यदि इसे लगाने से त्‍वचा में जलन, या रेसिस नहीं हैं तो आप इसे लगाना शुरू कर सकते हैं।

गर्भावस्‍था, या बच्‍चों को दूध पिलाने वाली मां बाकुची ऑयल का प्रयोग न करें।



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