आज की बदलती जीवन शैली और समय में बहुत ही कम लोग कांजी के बारे में जानते हैं। कोल्ड ड्रिंक आदि के कारण लोग इसके स्वाद और फायदों को भुला बैठे हैं। काली गाजर की कांजी होली पर विशेष रूप से बनायी जाती है। यह स्वाद में चटपटी और पाचक होती है। यह भूख बढाती है। काला नमक, हींग, राई आदि इसके गुणों को और बढा देते हैं। इसे मिट्टी या कांच के बर्तन में ही बनाना चाहिए। सर्दियाें में काली गाजर आसानी से मिल जाती हैं। इसलिए सेहत और स्वाद के लिए कांजी को जरूर बनाना चाहिए।
व्यक्तिः 8
सामग्री
500 ग्रा- काली गाजर
3 छोटे च- नमक
1 छोटा च- काला नमक
आधा छोटा च- हींग
2 छोटे च- मोटी पिसी लाल मिर्च
3 बड़े च- पिसी हुई सरसों या राई
8-10 कप पानी
विधि
गाजरों को छीलकर धाे लें, और लंबी पतली फि़ंगर काट लें।
एक बाउल में गाजर और सभी सामग्री मिलायें।
कांच के मर्तबान में डालकर अच्छे से बंद करें और 4-5 दिनों तक कमरे के तापमान पर रखें।
परोसने के समय तक फ्रिज़ में रखें और ठंडा परोसें।
नोट:
यह बिल्कुल आवश्यक नहीं कि कांजी बनाने के लिए काली गाजर ही चाहिए। यदि आपको काली गाजर नहीं मिल पाती तो आप इसे आमतौर पर मिलने वाली गाजर और चुकंदर से भी बना सकते हैं।
कांजी का पूरी तरह तैयार होना मौसम पर निर्भर करता है। गर्म मौसम में कांजी कम समय लेगी। इसलिए प्रतिदिन इसकी जांच करें।
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