शकरकंद खाने से मेटाबोलिज्म बेहतर रहता है। इसमें कई ऐसे खनिज पदार्थ होते हैं जो मेटाबोलिज्म को बेहतर रखते हैं। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, और जिंक भी होता है। यह सभी तत्व शरीर के लिए काफी उपयोगी हैं। शकरकंद में सिर्फ विटामिन ए ही नहीं पाया जाता, बल्कि इसमें अन्य विटामिन्स भी हैं, जैसे विटामिन ए, सी, के और विटामिन बी1 से बी6 और बी9 भी पाये जाते हैं। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए इसमें मौजूद सभी विटामिन बेहद जरूरी हैं।
...............................
शकरकंद वैसे तो एक विदेशी सब्जी है जिसकी उष्ण प्रदेशों में खेती की जाती है। यह अमरीका से फिलिपीन होते हुए,चीन, जापान, मलेशिया और भारत आई है भारत में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है।
इसके सेवन से तुरंत भूख मिटती है, और एनर्जिक महसूस करते है, यही कारण है इसे स्ट्रीट फूड के रूप में भी काफी पसंद किया जाता है। इसमें विटामिन "ए' और "सी' की मात्रा प्रचुर मात्रा में होती है। इसमें आलू की अपेक्षा अधिक स्टार्च रहता है। यह उबालकर, या आग में पकाकर, खाई जाती है। बिहार और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से इसकी खेती होती है। फलाहारियों का यह बहुमूल्य आहार है।
महिलाओं के लिए है फायदेमंद
महिलाओं को अपने बाल लंबे करने है तो उन्हें शकरकंद का सेवन करना चाहिए क्योकि शकरकंद में उपस्थित एंटी आक्सीडेंट और विटामिन सी जैसे तत्व बालो की जड़ो को मजबूत करता है।
अगर आपकी त्वचा अधिक तैलीय है तो शकरकंद का उपयोग करना बहुत लाभदायक होता है। शकरकंद का उपयोग चेहरे पर भी कर सकते हैं।
चेहरे पर उपयोग करने की विधि
शकरकंद को उबालकर उसे ठंडा कर ले फिर इसमें शहद मिलाकर पेस्ट बनाये और चेहरे पर लगा ले और कुछ देर बाद चेहरे को धो ले। यह करने से तैलीय त्वचा अच्छी हो जाती है।
महिलाओं को सुंदर दिखना बहुत पसंद है अगर महिलाये अपने चेहरे को और आकर्षित बनाना चाहती है तो शकरकंद का उपयोग करे। शकरकंद में एंटी आक्सीडेंट तत्व होता है जो चेहरे के लिए बहुत फायदेमंद होता है और चेहरों को सूर्य की किरणों के दुष्प्रभाव से भी बचाता है।
बहुत महिलाये की त्वचा रूखी होती है उनके लिए शकरकंद रामबाण की तरह काम करता है। केवल तैलीय त्वचा नहीं रूखी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
रूखी त्वचा पर लगाने की विधि:
शकरकंद को उबाल कर उसे ठंडा कर ले उसमे ओट्स व दही मिलाकर पेस्ट बना ले और चेहरे पर लगा ले थोड़ी देर बाद पानी से चेहरे को अच्छी तरह से धो ले। यह करने से रूखी त्वचा की समस्या दूर हो जाती है।
शकरकंद आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है।
शंकरकंद खाने से दिल की बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
शकरकंद अच्छी मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है।
शकरकंद से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है तो आपको शकरकंद का सेवन जरूर करना चाहिए।
शकरकंद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
सर्दियों में शकरकंद बच्चों के लिए बहुत ही फायदेमंद है-
छ: माह के बच्चे को ठोस आहार के रूप में शकरकंद दिया जा सकता है। यदि बच्चा सहजता से शकरकंद खा रहा है तो उसे दिया जा सकता है। यदि बच्चा शकरकंद खाने में आनाकानी कर रहा है तो उसके साथ जबरदस्ती न करें। एक बार खिलाने की कोशिश करें, यदि न खाये तो कुछ दिनों बाद दुबारा शकरकंद खिलाने की कोशिश करें। जबरदस्ती करने से वह खाने से दूर भागने लगेगा।
शकरकंद विटामिन ए से भरपूर आहार है यह बच्चों के विकास और आंखों के लिए बहुत ही अच्छा है। इसमें बीटा कैरोटीन होता है जो एक ऐसा तत्व है जो शरीर में विटामिन ए बनाता है। अपने बच्चों को शकरकंद किसी न किसी रूप में खाने के लिए अवश्य दें। शकरकंद में विटामिन ए की इतनी मात्रा शायद ही किसी अन्य आहार में पायी जाती है।
शकरकंद बच्चों को कब्ज से बचाता है। इसमें स्टार्च और डायटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि ऊर्जा की तरह शरीर में कार्य करता है। इसके सेवन से बच्चे एनर्जिक रहते हैं, इसके अलावा शकरकंद में डायटरी फाइबर होता है जो बच्चों को कब्ज की शिकायत को भी दूर करता है। यह एक सुपर फूड है इसे बच्चों को अवश्य खिलायें। यदि बच्चे शकरकंद खाना पसंद नहीं करते तो उन्हें शकरकंद की अलग-अलग रेसिपी बनाकर खिलायें। जैसे शकरकंद की सब्जी, चाट, पकोडे, चिप्स आदि। शकरकंद के सेवन से बच्चो का स्वास्थ्य बेहतर होगा।
शकरकंद खाने से मेटाबोलिज्म बेहतर रहता है। इसमें कई ऐसे खनिज पदार्थ होते हैं जो मेटाबोलिज्म को बेहतर रखते हैं। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, और जिंक भी होता है। यह सभी तत्व शरीर के लिए काफी उपयोगी हैं। शकरकंद में सिर्फ विटामिन ए ही नहीं पाया जाता, बल्कि इसमें अन्य विटामिन्स भी हैं, जैसे विटामिन ए, सी, के और विटामिन बी1 से बी6 और बी9 भी पाये जाते हैं। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए इसमें मौजूद सभी विटामिन बेहद जरूरी हैं। शकरकंद खाने से बच्चों के शरीर में विटामिन की कमी नहीं होती, जिससे बच्चों का विकास बेहतर होता है।
Comments