अधिकतर लोग घर के प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं। घर में उपयुक्त वेंटीलेशन की सुविधा नहीं होती। जगह की कमी के कारण, और अनुपयुक्त स्ट्रक्चर के कारण धूप, हवा के आने-जाने की भी सुविधा नहीं होती। जिससे घर के लोग अक्सर बीमार रहते हैं। परन्तु इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं जाता।
अक्सर हम घर के बाहर के पॉल्यूशन को लेकर परेशान रहते हैं और एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने में भी नहीं हिचकिचाते। हम सोचते हैं कि हमारे घर का वातारण स्वच्छ है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अधिकतर लोग घर के प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं। घर में उपयुक्त वेंटीलेशन की सुविधा नहीं होती। जगह की कमी के कारण, और अनुपयुक्त स्ट्रक्चर के कारण धूप, हवा के आने-जाने की भी सुविधा नहीं होती। जिससे घर के लोग अक्सर बीमार रहते हैं। परन्तु इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं जाता। इस प्रकार के मकान अक्सर अन-ऑथराइज्ड कालोनियों में देखे जा सकते हैं। हम इस प्रकार की परिस्थितियों को तो नहीं बदल सकते हैं किन्तु अपने घर की हवा अवश्य साफ कर सकते हैं।
रसोईघर में खाना बनाते समय पैदा होने वाला प्रदूषण
घर में खाना बनाते समय जिन सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है उनमें से ऐसी गैसें निकलती हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। यदि हम लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहते हैं तो बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
भारतीय महिलाओं का ज्यादा समय किचन में बीतता है। एक तरह से रसोई घर महिलाओं का हृदय होता है। रसोईघर, गृहिणी की सेहत और कार्यक्षमता को बनाये रखता है। रसोईघर में पका भोजन स्वादिष्ट एवं सुपाच्य बने जिसे खाकर परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहें तो इसके लिए रसोईघर की साज-सज्जा वास्तु के अनुसार होनी ही चाहिए।
घर में खाना बनाते समय सबसे अधिक प्रदूषण होता है। सब्जी छौंकने से लेकर खाना पकाने तक का धुआं घर की गृहिणी के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। आपको केवल खांसी या छींक आये किन्तु यही वजह दमे का कारण भी बन सकती हैं। इसलिए रसोई को प्रदूषण फ्री रखने के लिए घर में अच्छी क्वालिटी का एगजॉस्ट का होना अत्यंत आवश्यक है। किचन को पॉल्यूशन फ्री रखने के लिए ऐरोगार्ड या एअरप्यूरीफायर का प्रयोग करें। किचन में खाना पकाते समय सबसे अधिक प्रदूषण होता है। एक शोध के अनुसार खाना पकाने के दौरान ब्लैक कार्बन, जैसी खतरनाक गैस पैदा होती है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
साफ-सफाई में प्रयुक्त प्रॉडक्ट के कारण प्रदूषण
घर की साफ-सफाई के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रॉडक्ट्स जहरीले होते हैं। साफ-सफाई के दौरान वह घर के वातावरण में फैलकर वातावरण को प्रदूषित करते हैं। इस प्रकार के प्रदूषण को कम करने के लिए घर में साफ-सफाई के दौरान भी एगजॉस्ट फैन का प्रयोग करें और सभी खिडकी और दरवाजे खोलकर रखें। जिससे उपयुक्त वेंटीलेशन हो सके।
इसके अलावा अन्य तरीकों से भी घर के प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
घर में इंडोर प्लांट लगायें
घर के अंदर मौजूद नैगेटिव एनर्जी और प्रदूषण को निकालने के लिए इंडोर प्लांट लगायें। अपनी सुविधा के अनुसार कुछ खास तरह के पौधों को लगाकर घर के वातावरण को बेहतर किया जा सकता है। एरेका पाल्म, लेडी पाल्म, बंबू पाल्म, डरेकेना जैनेट क्रैग, इंग्लिश इवी, पीस लिली जैसे पौधे लगाने से आपके घर के अंदर का पॉल्यूशन काफी कम हो जाएगा और घर के अंदर पॉजिटीविटी का विस्तार होगा। इंडोर रात को सोते समय घर के बाहर रख दें क्योंकि इनसे निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएगी।
इको फ्रैंडली घरों का निर्माण करें
इको फ्रैंडली घरों का निर्माण इस लिए भी किया जाता है जिससे घर में वैंटीलेशन सिस्टम बेहतर तरीके से कार्य कर सके। सौर ऊर्जा का पूरा इस्तेमाल किया जा सके। सूर्य की किरणें घर के वातावरण को काफी हद तक शुद्ध करती हैं। इसके अलावा इको फ्रैंडली घरों में रेनवॉटर हार्बेस्टिंग, सोलर वॉटर होर्टिंग सिस्टम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान आदि बेहतर तरीके से कार्य कर सकें और घर प्रदूषण फ्री रह सके।
घर की सजाने में भी ग्रीन कलर का प्रयोग अधिक करें
घर के वातारण को पॉजिटिव बनाने के लिए डेकोरेशन आइटम्स में ग्रीन कलर का प्रयोग किया जा सकता है। आप एनवॉयरमेंट फ्रैंडली इंडोर प्लांट, डेकोरेटिट आर्टिफिसियल प्लांट रखकर भी घर वातावरण को फ्रैश फील कर करा सकती हैं।
घर में वुडन फ्लोरिंग का प्रयोग करें
घर को बनवाते समय सिरेमिक टाइल्स, मार्बल और पत्थर लगाने की बजाय वुडन फ्लोरिंग का प्रयोग करें। घर में पडा बेकार सामान, घुटन का एहसास दिलाता है इसलिए घर में पडा बेकार सामान घर से बाहर कर दें।
इस प्रकार हम घर के बाहर के अलावा घर के अंदर के वातावरण को भी शुद्ध कर सकते हैं।
コメント