पीरियड्स के स्थायी रूप से बंद हो जाने की क्रिया को मोनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहते हैं। एक खास उम्र के बाद सभी स्त्रियों को इस महत्वपूर्ण शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। मोनोपॉज को लेकर उनके मन में कई सवाल होते हैं। आज हम इस पर चर्चा करेंगे।
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एक खास उम्र के बाद सभी स्त्रियों को इस महत्वपूर्ण शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। पीरियड्स के स्थायी रूप से बंद हो जाने की क्रिया को मोनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहते हैं। यह किसी भी महिला के जीवन का वह समय होता है जब उसके अंडकोष की गतिविधियां समाप्त हो जाती है।
आजकल कुछ स्त्रियों में मोनोपॉज को लेकर समस्याएं बढ़ रही हैं लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है इस बारे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। मोनोपॉज के दिनों में महिलाओं के स्वभाव में भी बदलाव आने लगता है। वह उदास और तनावग्रस्त रहने लगती हैं।
मोनोपॉज को लेकर उनके मन में कई सवाल होते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इसे सहज और संतुलित बनाने के लिए संतुलित लाइफस्टाइल अपनाने की आवश्यकता है। उदासी और तनाव से बचें। मोनोपॉज के दौरान कई परेशानियां जैसे वज़न बढ़ने, चेहरे पर बाल आदि आना या बहुत अधिक बाल गिरने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। किन्तु यदि आप संतुलित भोजन करें और संतुलित लाइफ स्टाइल अपनायें तो चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है।
मोनोपॉज की औसत उम्र क्या है?
भारत में मोनोपॉज की औसत उम्र 48 से 50 वर्ष के बीच होती है। फिर भी कुछ स्त्रियों में निर्धारित आयु से 2-4 वर्ष पहले या बाद में रजोनिवृत्ति हो सकती है।
क्या आजकल युवतियों में निर्धारित उम्र से पहले मोनोपॉज की समस्या बढ़ रही है?
आजकल कुछ स्त्रियों में यह समस्या बढ़ रही है लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है, इस बारे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है।
क्या उपचार से समय से पहले होने वाले मोनोपॉज को टाला जा सकता है?
कुछ मेडिकल कंडीशन्स ऐसी होती हैं, जिनमें किसी उपचार की गुंजाइश नहीं होती। ऐसे मामलों में समय से पहले होने वाले मोनोपॉज को नहीं टाला जा सकता। सामान्य दशा में इसे कुछ इस तरह मैनेज किया जाता है, जिससे शरीर की सारी गतिविधियां वर्षों तक सामान्य ढंग से चलती रहें और मोनोपॉज को भी लंबे समय तक टाला जा सके। इसके लिए गाइनी हेल्थ के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है ताकि स्त्रियों की ओवरी को स्वस्थ रखा जा सके।
हालांकि विज्ञान में इसके लिए अब तक कोई ऐसा समाधान नहीं खोजा गया है लेकिन स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से स्त्रियों का शरीर स्वस्थ रहता है तो इससे आमतौर पर उन्हें अर्ली मोनोपॉज की समस्या नहीं होती।
क्या इसके बाद ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका बढ़ जाती है?
जी हां, मोनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ जाती है। हालांकि 30 साल की उम्र तक सभी स्त्रियों की हडिडयां मजबूत होती हैं। अगर पहले से ही वे मिल्क प्रोडक्ट्स के साथ हेल्दी डाइट अपनाएं और नियमित एक्सरसाइज करें तो मोनोपॉज के बाद उनकी हडिडयाें को कम नुकसान होगा। जो स्त्रियां पहले से अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखतीं, मोनोपॉज तक उनकी हडिडयां इतनी कमजोर हो चुकी होती हैं कि मामूली चोट लगने पर भी फ्रैक्चर की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में उन्हें अपनी बोन हेल्थ का विशेष का ध्यान रखना चाहिए।
क्या मोनोपॉज के बाद स्त्रियों की सुंदरता घटने लगती है?
बदलाव के इस दौर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन हॉर्माेन की कमी के कारण कुछ स्त्रियों की त्वचा पतली और रूखी हो जाती है, जिससे उनके चेहरे और हाथों पर झुर्रियां दिखने लगती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। कई बार इसी वजह से उनके चेहरे पर अवांछित बाल भी उग आते हैं। हालांकि आजकल ऐसे कई ब्यूट्री ट्रीटमेंट्स उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से वे मोनोपॉज के बाद भी अपनी सुंदरता बरकरार रख सकती हैं।
क्या सेक्स लाइफ पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है?
मोनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हॉर्माेन की कमी के कारण वजाइना का स्वाभाविक ल्युब्रिकेशन खत्म हो जाता है, जिससे स्त्रियों में सेक्स के प्रति अरुचि पैदा होने लगती है। अगर ऐसी कोई समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मोनोपॉज के बाद किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
इस शारीरिक बदलाव को सहजता से स्वीकार करें और इसके लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करें। मिल्क प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन भरपूर मात्र में करें। वजाइनल ड्राइनेस से बचने के लिए ल्युब्रिकेंट जेली का इस्तेमाल कर सकती हैं।
मोनोपॉज के दौरान महिलाओं को अपनी डाइट में लेना आवश्यक है?
एस्ट्रोजन और हार्मोन्स के बदलाव के कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसलिए महिलाओं के अधिक कैल्शियम युक्त भोजन करना चाहिए। भोजन में दूध, दही, पनीर, काले चने, ब्रोकली आदि शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करते हैं। इस दौरान सूखे मेवे, हरे पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल आदि को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा शरीर में होने वाले बदलावों के लिए सोया, सोया प्रोटीन, विटामिन्स के सप्लीमेंट्स के अलावा ओमेगा, विटामिन बी और कैल्शियम को अपने भोजन में शामिल करें।
IN ENGLISH
The permanent stoppage of periods is called menopause or menopause. After a certain age, all women have to go through this important physical change. There are many questions in his mind regarding menopause. Today we will discuss this.
After a certain age, all women have to go through this important physical change. The permanent stoppage of periods is called menopause or menopause. This is the time in a woman's life when her testicles cease to function. Nowadays, problems are increasing in some women regarding menopause, but it is difficult to say anything about why this is happening. The nature of women also changes during the days of menopause. She starts feeling sad and stressed. There are many questions in his mind regarding monopause. Experts say that this is a normal process. To make it comfortable and balanced, there is a need to adopt a balanced lifestyle. Avoid sadness and stress. Many problems like weight gain, facial hair etc. or excessive hair fall can occur during menopause. But if you eat a balanced diet and adopt a balanced lifestyle, then there is nothing to worry about.
What is the average age of menopause?
The average age of menopause in India is between 48 and 50 years. However, some women may experience menopause 2-4 years earlier or later than the prescribed age. Is the problem of menopause before the prescribed age increasing in girls nowadays? Nowadays this problem is increasing in some women, but it is difficult to say anything about why this is happening.
Can Premature Menopause Be Prevented With Treatment? There are some medical conditions in which there is no scope for any treatment. Premature menopause cannot be avoided in such cases. Under normal conditions, it is managed in such a way that all the activities of the body can be carried out normally for years and the menopause can also be avoided for a long time. For this, awareness about gynae health is very important so that the ovaries of women can be kept healthy. Although no such solution has been found for this in science so far, but women's body remains healthy with a healthy lifestyle, balanced diet and regular exercise, then it usually does not cause them the problem of early menopause.
Does this increase the risk of osteoporosis after that?
Yes, the problem of osteoporosis increases after menopause. However, by the age of 30, the bones of all women are strong. If they already adopt a healthy diet with milk products and do regular exercise, then their bones will suffer less damage after menopause. Women who do not take care of their health in advance, their bones have become so weak by the time of menopause that even with minor injuries, the risk of fracture increases. In such a situation, they should take special care of their bone health. Does it have a negative effect on sex life as well?
After menopause, due to the lack of estrogen hormone, the natural lubrication of the vagina ends, which leads to a dislike of sex in women. If there is any such problem then a doctor should be consulted.
What things should be taken care of after menopause?
Accept this physical change with ease and prepare yourself mentally for it. Consume milk products, green leafy vegetables and fruits in plenty. Lubricant jelly can be used to avoid vaginal dryness. What should women take in their diet during menopause?
Calcium deficiency occurs in the body due to changes in estrogen and hormones. Therefore, women should eat more calcium-rich food. Milk, curd, cottage cheese, black gram, broccoli etc. fulfill the deficiency of calcium in the body. During this, dry fruits, green leafy vegetables, fresh fruits etc. should also be included in your diet. , Apart from this, in addition to supplements of soy, soy protein, vitamins, include omega, vitamin B and calcium in your diet for changes in the body.
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