खर्राटों को अक्सर गहरी नींद की निशानी माना जाता है, जबकि ऐसा नहीं है। यह कई बीमारियों की वजह हो सकती है। यदि आप भी खर्राटे लेते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि यह अन्य बीमारियों के आने की आहट है। हाल ही में एक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जो लोग तेज खर्राटे लेते हैं उनमें बोन्स की परेशानी अधिक होती है और उनमें रयूमेटायड आर्थराइटिस के संभावना बढ़ जाती है।
खर्राटे की बीमारी आमतौर पर 40 से 60 वर्ष की उम्र में होती है। यह स्वयं में ही एक बीमारी है, इसे स्लीप एपनिया भी कहते हैं। अन्य बीमारियों का कारण बनती है। पुरुषों में यह महिलाओं की अपेक्षा अधिक होती है। भारत में खर्राटे लेना जैसे आम बात मानी जाती है। बसों में ट्रेनों में सफर करते समय आपको अक्सर ऐसे लोग मिल जायेंगे जो सोते समय खर्राटे मार रहे होते हैं। खर्राटे साथ में बैठे लोगों को तो परेशान करते ही हैं साथ ही कई बार पति-पत्नी में भी खर्राटों को लेकर कहा-सुनी तक हो जाती है। खर्राटों को अक्सर गहरी नींद की निशानी माना जाता है जबकि ऐसा नहीं है। यह कई बीमारियों की वजह है। इन्हीं में एक एक बीमारी रयूमेटायड ऑर्थराइटिस। इस बीमारी से भारत में लगभग 7 मिलियन मरीज है, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। यह बीमारी भी एक प्रकार से बिगडी जीवन शैली और गलत खानपान का ही परिणाम हैै। आप शारीरिक श्रम लगभग खत्म हो गया है। लगभग सभी कार्य खडे होकर ही किये जाते है, जिससे शरीर का लचीलापन भी खत्म सा हो गया है।
यदि आप भी खर्राटे लेते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि यह अन्य बीमारियों के आने की आहट है। हाल ही में एक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जो लोग तेज खर्राटे लेते हैं उनमें बोन्स की परेशानी अधिक होती है और उनमें रयूमेटायड आर्थराइटिस के संभावना बढ़ जाती है। स्वीटन हुई एक स्टडी के मुताबिक अगर आप हफ्ते में तीन बार या उससे अधिक बीयर लेते हैं तो आपके इस बीमारी की चपेट में आने की संभावना कहीं अधिक बढ़ जाती है। सीनियर ऑर्थोपेडिक और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, डॉक्टर बीरेन नादकर्णी के अनुसार रयूमेटायड आर्थराइटिस मरीज को अपाहिज तक बना सकती है। यहां तक कि मरीज बिस्तर से उठ पाने में भी लाचारी महसूस करता है।
लक्षण
इस बीमारी की फर्स्ट स्टेज में थकान, भूख न लगना, कमजोरी महसूस होना है। आमतौर पर लोगों लक्षणों को नहीं समझ पाते। एक्सपर्ट बताते हैं कि बीमारी की जानकारी न होने के कारण यह बीमारी लगातार बढ़ती जाती हैै, और खतरनाक स्टेज पर पहुंच जाती है। एक समय पर यह बहुत तकलीफ देह हो जाती है।
अर्थोपेडिक एक्सपर्ट डॉ. संजय महाजन बताते हैं कि इस बीमारी का इलाज नार्मल आर्थराइटिस से कहीं अधिक जटिल होता है। बीमारी के आगे बढ़ने पर हाथों की उंगलियों, कलाइयों, घुटनों और पैरों की उंगलियों में सूजन आ जाती है। इसके कारण उठने-बैठने, चलने-फिरने, सीढ़ियां चढ़ने, लिखने यानि रोजमर्रा के कामों में भी काफी परेशानी होती है।
बचाव
यदि आपको इस बीमारी की जानकारी फर्स्ट स्टेज पर चल जाये तो काफी हद तक इसे होने से रोका जा सकता है। इस बीमारी के अलग-अलग पहलुओं को ध्यान में रखकर इस बीमारी का इलाज किया जाता है। देर से पता चलने पर ज्वाइंट पूरी तरह डैमेज हो चुके होते हैं। और उनमें असहनीय दर्द भी होता है। फिर ऐसी स्टेज में सर्जरी करानी पड़ सकती है। सर्जरी काफी जटिल प्रक्रिया है। दरअसल, यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है, जिसमें पेशेंट का इम्यून सिस्टम ही उसकी बॉडी को नुकसान पहुंचाने लगता है। इससे बॉडी में कुछ ऐसे एंटीजन पैदा होते हैं, जो कई हानिकारक कैमिकल जैसे साइटोकाइनिन्स प्रडूयूस करते हैं। इन कैमिकल्स के कारण ज्वाइंट में पाया जाने वाला लिक्विड साइनोवियल सूखने लगता है। अफेक्टेड एरिया के आसपास की स्किन लाल और गर्म हो जाती है और असहनीय दर्द होता है। इस बीमारी मेें आप ट्रीटमेंट के साथ-साथ आप अपने खान-पान का भी पूरा ख्याल रखें। संतुलित भोजन करें। पूरी नींद लेें। सुबह-शाम शहर करने जायें। प्रतिदिन कम से कम आप 100 कदम अवश्य चलें। इससे आपने शरीर में जो बीमारियां दस्तक देने वाली हैं उनसे बचाव होगा।
IN ENGLISH
Snoring is considered a common practice in India. While traveling in trains in buses, you will often find people who are snoring while sleeping. Snoring not only bothers the people sitting together, but at times husband and wife also get into an argument about snoring. Snoring is often considered a sign of deep sleep, while it is not. It is the cause of many diseases. One of these diseases is rheumatoid arthritis. India has about 7 million patients with this disease, of which the majority are women.
If you also snore then you should be careful. Because it is a sign of the arrival of other diseases. In a recent research, it has been proved that people who snore heavily are more prone to bone problems and increase the chances of rheumatoid arthritis in them. According to a study conducted in Sweden, if you drink beer three times or more in a week, then your chances of getting this disease increase much more. According to Dr Biren Nadkarni, Senior Orthopedic and Joint Replacement Surgeon, Rheumatoid Arthritis can make the patient crippled. Even the patient feels helpless to get out of bed.
Symptoms
In the first stage of this disease, fatigue, loss of appetite, weakness are felt. People usually do not understand the symptoms. Experts say that due to lack of knowledge of the disease, this disease continues to grow, and reaches a dangerous stage. At one point of time it becomes very painful.
Orthopedic expert Dr. Sanjay Mahajan explains that the treatment of this disease is more complicated than normal arthritis. As the disease progresses, there is swelling in the fingers, wrists, knees and toes of the hands. Due to this, there is a lot of trouble in getting up, walking, climbing stairs, writing i.e. everyday tasks.
Rescue
If you know about this disease at the first stage, then to a great extent it can be prevented from happening. The treatment of this disease is done keeping in mind the different aspects of the disease. If detected late, the joints are completely damaged and they also cause unbearable pain. Then surgery may have to be done at such stage. Surgery is a very complex procedure. Actually, it is an auto immune disease, in which the patient's immune system starts harming his body. Due to this, some such antigens are produced in the body, which produce many harmful chemicals such as cytokineins. Due to these chemicals, the liquid synovial found in the joint starts drying. The skin around the affected area becomes red and hot and there is unbearable pain. In this disease, along with treatment, you should also take full care of your food and drink. Have a balanced diet. Get enough sleep Go to the city in the morning and evening. You must walk at least 100 steps daily. This will protect you from the diseases which are about to knock in your body.
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